धर्मशाला स्थित 'कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक' (केसीसी) के चेयरमैन जगदीश सिपहिया की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। ख़बर है कि जगदीश सिपहिया के खिलाफ जांच शुरू होने वाली है। इस मामले में पंजीयक सहकारी सभाएं प्रदेश सरकार के निर्देश पर जांच करवाएंगी। दरअसल, सिपहिया पर उनके विभाग के लोगों ने अनियमितता के आरोप लगाए हैं और इस संदर्भ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है। जांच के लिए मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन को ही आधार बताया जा रहा है।
केसीसी चेयरमैन जगदीश सिपहिया पर कुल 7 आरोप लगाए गए हैं। इनमें बैंक के धन का दुरुपयोग, भर्तियों में धांधली और चेहेतों को नियम तोड़कर ऋण दिलाने के आरोप शामिल हैं।
ख़बर है कि जांच के आदेश देने से पहले सरकार ने केसीसी बैंक के एमडी पीसी अकेला को शिमला तलब किया था। वह वीरवार को शिमला आए थे, उन्हें प्रारंभिक जांच के लिए जरूरी रिकॉर्ड तैयार करने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि राज्य में सरकार बदलने के बाद शिमला स्थित राज्य सहकारी बैंक के चेयरमैन हर्ष महाजन ने खुद इस्तीफा दे दिया था, जबकि केसीसी बैंक के अध्यक्ष सिपहिया अभी पद पर बने हुए हैं। हालांकि, इनका कार्यकाल सितंबर 2018 तक है।
सिपहिया की सफाई, नहीं हुई कोई अनियमितता
समचाार फर्स्ट से बातचीत में केसीसी बैंक के चेयरमैन जगदीश सपहिया ने कहा कि सरकार एक नहीं बल्कि 10 जांच करवाए, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। उनका कहना है कि उन्होंने किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं की। जो भी फैसले लिए हैं कानून और बैंक के हित में देखते हुए लिए हैं। सिपहिया ने कहा कि वे हर हाल में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद चेयरमैन पद से हटेंगे।