हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कौन होगा इस पर सस्पेंस कायम है। लेकिन, समाचार फर्स्ट को ख़बर मिली है कि 4 जनवरी के बाद कांग्रेस के आला नेता बैठक कर कभी भी CLP यानी नेता प्रतिपक्ष का ऐलान कर सकते हैं।
सीएलपी की रेस में अभी तक प्रमुख रूप से वीरभद्र सिंह के बाद मुकेश अग्निहोत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू, आशा कुमारी, हर्षवर्धन चौहान और रामलाल हैं। इन नेताओं में ख़ास कर दो खेमा है। एक है वीरभद्र सिंह का और दूसरा खेमा सुखविंदर सिंह सुक्खू का। इस लिहाज से दोनों खेमों के भीतर भी इस पद पर काबिज होने की होड़ लगी हुई है।
जानकार बता रहे हैं कि अगर हाईकमान वीरभद्र गुट की तरफ अपनी नज़रे करम करता है तो मुकेश अग्निहोत्री और राम लाल में से किसी एक की दावेदारी पक्की है। वहीं, सुक्खू कैंप से खुद सुक्खू ही आगे चल रहे हैं। सीएलपी की रेस में एक वक़्त में डलहौजी की विधायक आशा कुमारी काफी मजबूत कैंडिडेट मानी जा रही थीं, लेकिन थप्पड़कांड के बाद उनकी दावेदारी बेहद कमजोर हो चुकी है।
गौरतलब है कि बीजेपी को विधानसभा में घेरने के लिए कांग्रेस किसी कद्दावर नेता को सीएलपी बनाने की सोच रही है। वैसे तो कांग्रेस के अधिकांश कद्दावर नेता चुनाव हार चुके हैं, ऐसे में सदन के भीतर गिने-चुने ही एमएलए हैं जिनके कंधों पर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने की जिम्मेदारी होगी। अब हाईकमान के पास गुटबाजी से निपटने के अलावा कद्दावर नेता को सीएलपी बनाने की चुनौती है। यही वजह है कि हाईकमान की तरफ से कोई भी बयान सामने नहीं आ रहा है और आला नेता फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं।