2019 के कसरत के बीच बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने महागठबंधन के सपने को संभवत: ध्वस्त कर दिया है। मायावती ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावओं में कांग्रेस के सपने पर पानी फेर दिया है। उन्होंने इन राज्यों के चुनाव में कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन को खारिज कर दिया है। बीएसपी प्रमुख ने कांग्रेस पर उनकी पार्टी को खत्म करने का संगीन आरोप भी लगाया। मायावती के इस बयान के बाद 2019 में विपक्ष के महागठबंधन की पहल को तगड़ा झटका लगा है।
मायावती ने कांग्रेस के खिलाफ खोला मोर्चा
मायावती ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के बयान के संदर्भ में बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मायावती ने दिग्विजय सिंह को संघ का एजेंट बताते हुए कहा कि सोनिया और राहुल गांधी के ईमानदार कोशिशों के बावजूद कुछ नेता नहीं चाहते कि कांग्रेस-बीएसपी का गठबंधन हो। उन्होंने दिग्विजय के बयान के सहारे पूरी कांग्रेस पार्टी को शक के दायरे में खड़ा कर दिया। आपको बता दें कि दिग्विजय सिंह ने अपने बयान में कहा था कि मायावती सीबीआई के डर से गठबंधन में शामिल नहीं हो रही हैं।
बीएसपी प्रमुख ने कहा कि कांग्रेस पार्टी बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बेदखल करने के प्रति गंभीर नहीं है। उल्टा वह बहुजन समाज पार्टी को ही खत्म करना चाहती है। मायावती ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में अकेले ही ताल ठोकेगी और किसी से गठबंधन नहीं करेगी।
बीएसपी और कांग्रेस की मोहताज नहीं है बीएसपी: मायावती
मायावती ने कहा कि बीजेपी की तरह कांग्रेस की भी मंशा बहुजन समाज पार्टी को खत्म करने की है। लेकिन, हमारी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी की मोहताज नहीं है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाए कि कांग्रेस पार्टी को बहुत घमंड है और सत्ता जाने के बाद भी उनका अहंकार खत्म नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि बीएसपी के समर्थन से सरकार में होने के बावजूद कांग्रेस ने कांशीराम जी की पुण्यतिथि पर छुट्टी देने की मांग को खारिज किया था। लिहाजा, अब कांग्रेस को माफी नहीं मिल सकती।
छत्तीगढ़ का गठबंधन और कांग्रेसी नेताओं के जुबानी हमले
दरअसल, छत्तीसगढ़ के चुनाव में मायावती ने बीते दिनों अजीत जोगी की पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान किया था। मायावती के इस फैसले चुनावी समीकरण ऐसा बिगड़ा कि कांग्रेस के नेताओं को बर्दाश्त नहीं हो पाया। कांग्रेस के पीएल पुनिया ने पहले बयान दिया कि मायावती बीजेपी को लाभ पहुंचाने की मंशा से जोगी के साथ गठबंधन की हैं। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने मायावती पर सीबीआई के डर से बीजेपी को सपॉर्ट करने का आरोप लगा डाला।
अब मायावती ने कहा कि दिग्विजय सिंह संघ के एजेंट हैं और उनकी तमाम राजनीतिक गतिविधियां बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए होती हैं।