जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती बीजेपी से गठबंधन टूटने पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। पार्टी नेताओं के साथ बैठक के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर की समस्या का हल सख्त पॉलिसी नहीं है। उन्होंने माना कि शुरू से ही बीजेपी और उनके बीच विचारों और पॉलिसी को लेकर विवाद रहा।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी-पीडीपी को एक साथ आने का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को तरक्की के राह पर ले जाना था। इस गठबंधन को आगे ले जाने का मकसद पॉवर हासिल करना नहीं बल्कि आवाम को अमन-चैन पहुंचाना था। लेकिन, मिजाज एक नहीं हो पाने की वजह से गठबंधन टूट गया।
उन्होंने कहा कि पीडीपी हमेशा जम्मू-कश्मीर के लोगों की हक और हकूक के लिए काम किया। उन्होंने दावा किया कि लोगों के बीच हमने धारा 370 के स्टैंड को और मजबूत किया। 1200 युवाओं पर पत्थरबाजी के लगे आरोपों को हमने खत्म किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के बगैर कश्मीर का मसला हल नहीं हो सकता। लिहाजा, पाकिस्तान के साथ बातचीत को बल देने की कोशिश की गई। जबकि, बीजेपी का स्टैंड इससे बिल्कुल उल्टा रहा।
महबूबा ने कहा कि पाकिस्तान के साथ मधुर रिश्ते बहुत जरूरी है और पीडीपी इस स्टैंड पर कायम है। उन्होंने कहा कि कश्मीर को मस्क्यूलर पावर से नहीं चलाया जा सकता। कश्मीर के लोगों के भावनाओं के अनुरूप ही सरकार को चलाना होगा।
इस दौरान महबूबा मुफ्ती ने दूसरी पार्टियों से गठबंधन की बात को खारिज कर दिया और कहा कि अब कभी भी किसी से अलायंस नहीं की जाएगी।