हिमाचल सरकार को केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने बड़ा झटका दिया है। आयोग ने सरकार मांग पर असहमति देते हुए आदर्श आचार संहिता के नियमोनुसार ही कार्य करने को कहा है।
दरअसल, सरकार ने निर्वाचन आयोग से गुहार लगाई थी कि आचार संहिता के चलते सामान्य सरकारी कामकाज रुक गया है जिसके चलते सरकार को छूट दी जाए। इस पर केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर किसी भी तरह की छूट से इनकार किया। अलबत्ता आयोग ने ये जरूर कहा है कि केस टू केस देखकर इजाजत दी जा सकती है। इसके लिए मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग और कार्मिक विभाग के सचिव की स्क्रीनिंग कमेटी सरकारी आवेदन को मंजूर करने संबंधी सिफारिश करेगी।
आयोग की सख्ती से हिमाचल सरकार लाचार महसूस कर रही है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के दौरों पर पाबंदी है और मंत्रियों को छोटे से छोटे काम के लिए भी स्टाफ की सेवाएं नहीं मिल रही। करीब सत्तर दिन लंबी आचार संहिता से हिमाचल में रोजमर्रा के प्रशासनिक कार्यों पर भी ब्रेक लग गई है। विधानसभा चुनाव का परिणाम 18 दिसंबर को आना है। राज्य में 20 दिसंबर तक आचार संहिता लागू रहेगी।