विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री से पूछा कि केंद्र द्वारा घोषित 70 राष्ट्रीय राजमार्गों का मामला केंद्रीय मंत्रालय से उठाया है। कितनी धनराशि प्राप्त हुई। कितना प्रावधान है। इन राजमार्गो के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। या फिर सारा आंकड़ों का माया जाल है। फैक्टर दो कहां गया। एक भी राजमार्ग नहीं बना?
मुकेश अग्निहोत्री (हरोली) द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 69 सैद्धान्तिक राष्ट्रीय राजमार्गों और 1 सड़क को सैद्धान्तिक राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने हेतु मामला केन्द्र सरकार से उठाया गया है।
54 सड़कों की भेजी गई ड्राफट संरेखण रिपोर्ट (Draft Alignment Report) की स्वीकृति और इनको राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने का मामला केन्द्र सरकार के विचाराधीन है। 2 अन्य सड़कें जो राष्ट्रीय राजमार्गो के मापदण्ड के अनुरूप बनी है, भी केन्द्र सरकार में राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने हेतु विचाराधीन है।
मुख्यमंत्री ने जवाब में कहा कि 58 राष्ट्रीय राजमार्गों की डीपीआर के लिए केंद्र ने 173.75 करोड रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। जबकि राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं कि है। भूमि अधिग्रहण में फैक्टर 2 लगाने के बारे में मामला सरकार के विचाराधीन है। मुख्यमंत्री के जवाब से नाराज़ विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष ने कहा कि एनएच पर सरकार जनता को गुमराह कर रही है।
वाकआउट के बाद मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि विपक्ष विकास में बाधा न बने। अपने कार्यकाल में विपक्ष ने सड़कों की एक भी डीपीआर नहीं बनाई। और अब वाकआउट कर रहे हैं।