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BJp विधायक ने खोला मोर्चा, कहा- खनन माफियाओं के साथ मेरी सरकार!

पी. चंद, शिमला |

'जुंबा तो खोल, नज़र तो मिला, जवाब तो दे

मैं कितनी बार लूटा हूं, मुझे हिसाब तो दे।।'

विधानसभा मॉनसून सत्र के 6वें दिन नूरपुर के बीजेपी विधायक राकेश पठानिया ने अपनी ही सरकार की ऐसी क्लास लगाई कि विपक्ष के नेता भी अपनी गिरेबान में झांकने लगे। अवैध खनन और शहरी इलाकों में मल-निकासी के मुद्दे पर उन्होंने सरकार को बुरी तरह धो डाला। उनके एक-एक आरोप से संबंधित मंत्री भी पानी-पानी हो रहे थे। अप्रत्यक्ष रूप से पठानिया ने सरकार को चुनाव पूर्व वादों को लेकर कटघरे में खड़ा किया। जिसमें, प्रदेश में व्याप्त तमाम तरह के माफियाओं के सफाये की बात कही गई थी।

खनन माफियाओं को संरक्षण दे रही है सरकार!

बीजेपी विधायक राकेश पठानिया ने सदन में सरकार पर माफियाओं का साथ देने का सनसनीख़ेज़ आरोप लगाया। उन्होंने अवैध खनन के मसले पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। पठानिया ने कहा कि प्रदेश में माइनिंग माफ़िया मरा नही है जीवित है। उधोग मंत्री से पठानिया ने पूछा कि आपने पिछले सात माह में कितने अवैध माइनिंग के 'चालान' किए।

सरकारी की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाते हुए नूरपुर के विधायक ने कहा कि किसी भी सरकार में खनन माफियाओं पर नकेल नहीं कसा जा सका है। माफ़ियाओं का नेताओं के साथ सीधा संबंध है और यहीं से अवैध खनन को ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है।  जो ईमानदार अफ़सर अवैध खनन के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़कर अपनी जान जोख़िम में डालकर माफिया को पकड़ रहे है, उनको बाद में ज़मानत पर छोड़ दिया जा रहा है।

पठानिया ने कहा कि अवैध खनन के धंधे को फलने-फूलने में सरकार काफी मदद कर रही है। परिवार का अगर एक सदस्य डिफॉल्टर घोषित हो रहा है तो खनन का काम उसी परिवार में दूसरे सदस्य को दे दिया जा रहा है।

शहरी विकास मंत्री सरवीण को भी निशाने पर लिया 

नूरपुर के बीजेपी विधायक राजेश पठानिया लगता था सच बोलने की पूरी कसम खाकर आए थे। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान 'मल निकासी योजना' को लेकर शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी को भी कटघरे में खड़ा कर दिया। उन्होंने सीधा कह दिया कि मल निकास योजना पर आईपीएच और यूडी विभाग में तालमेल की बहुत कमी है। धरातल पर मल निकासी योजनाएं लटकी पड़ी हैं। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। दरअसल मल निकासी योजनाओं की यथास्थिति पर सवाल पच्छाद के भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने पूछा था जिसके बीच पठानिया भी कूदे पड़े ओर मंत्री को घेर लिया। हालांकि, मल निकासी योजनाओ के लटकने का मामला अन्य सदस्यों ने भी उठाना पड़ा। अंत में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आपसी तालमेल पर बल देते हुए जबाब देकर सबको संतुष्ट किया।

कुल मिलाकर पठानिया का अंदाज सदन में एक तरफ तो जहां समृद्ध लोकतांत्रिक प्रक्रिया के मजबूती को दर्शा रहा था, तो वहीं बीजेपी को आइना दिखाने के साथ-साथ उसे चुनावी फजीहत का भी डर सताता दिखाई दिया।