कांगड़ा: कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव आरएस बाली ने एचआरटीसी में कार्यरत पीस मील कर्मचारियों को अनुबंध में लाने की वर्तमान प्रक्रिया पर असंतोष जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि सरकार की लेटलतीफी और ढिलमुल रवैये के कारण इन कर्मचारियों को ना केवल लाखों रुपयों का नुकसान हुआ है बल्कि इन्हें भारी मानसिक प्रताड़ना के दौर से भी गुजरना पड़ा है। करीब आधा दर्जन कर्मचारी मुफलिसी के चलते ज़िंदगी को अलविदा कह गए और उनके परिजन अब बेबसी और लाचारी की ज़िंदगी जी रहे हैं।
आरएस बाली ने कहा कि तत्कालीन ट्रांससपोर्ट मंत्री स्वर्गीय जीएस बाली के नेतृत्व में बनाई गई पीसमील कर्मचारी नीति के अनुसार डिप्लोमाधारक कर्मचारियों को पांच साल और गैर डिप्लोमा धारकों को 6 साल की कार्य अवधि के बाद कॉन्ट्रैक्ट सेवा नियमों में लेकर आना अनिवार्य था। जिसके अनुसार 2013 में भर्ती कर्मचारियों को 2018-19 और 2014 में भर्ती कर्मचारियों को 2019-20 और 2015 में भर्ती किए गए कर्मचारियों को 2020-21 में कॉन्ट्रैक्ट सेवा में लाया जाना था। लेकिन प्रदेश सरकार ने पीस मील कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशील रवैया रखते हुए ना केवल उनके हितों को दरकिनार किया, बल्कि उनका दबाकर शोषण भी किया।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इस सौतेले व्यवहार के कारण पीसमील कर्मचारी बरसों तक नाम मात्र की पगार पर काम करने को मजबूर हुए और उनका वाजिब हक उन्हें निर्धारित समय अवधि के बाद भी नहीं मिल पाया। जिसका परिणाम है कि इन कर्मचारियों को सड़कों पर उतरकर संघर्ष का रास्ता अख्तियार करना पड़ा।
आरएस बाली ने कहा बेशक सरकार को इन कर्मचारियों की मांगों के आगे झुकना पड़ा और उन्हें कॉन्ट्रैक्ट सेवा के तहत लेने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है जिसके लिए मैं समस्त पीसमील कर्मचारियों को बधाई देता हूं, लेकिन जिन कर्मचारियों को 5 साल बाद कॉन्ट्रैक्ट सेवा के तहत लिया जाना था, उन्हें 8 साल बाद लिया जा रहा है। आखिर उनकी बरसों की भरपाई कौन करेगा?
आरएस बाली ने मांग की कि पीसमील कर्मचारियों को पीसमील पॉलिसी में निर्धारित की गई समय अवधि के अनुसार ही सेवा और वित्तीय लाभ दिए जाएं और कर्मचारी को उसी वर्ष से कॉन्ट्रैक्ट सेवा के तहत माना जाए जिस साल उन्होंने आवश्यक सेवा काल पूरा किया है। आरएस बाली ने सरकार से ये भी मांग करते हुए कहा कि इन कर्मचारियों को ज्वाइनिंग के 5 साल बाद से ही कॉन्ट्रैक्ट सेवा काल में माना जाए और इन्हे तुरंत रेगुलर करने के साथ एरिअर का भुगतान भी किया जाए।
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