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दाल-रोटी पर टैक्स लगने से सुलगी सियासत, नेता बोले- अंग्रेज भी नहीं लेते थे इतना टैक्स

खानी-पीने की चीजें मसलन अनाज, दूध-दही और गुड़ जैसी चीजों पर भी टैक्स लगने से जनता में रोष है. वहीं, अनाज पर टैक्स लगने से राजनीति भी देश की सुलगने लगी है. विपक्ष दलों के नेताओं ने इस GST में अनाज को शामिल करने की प्रक्रिया को घातक बताया है….

डेस्क |

खानी-पीने की चीजें मसलन अनाज, दूध-दही और गुड़ जैसी चीजों पर भी टैक्स लगने से जनता में रोष है. वहीं, अनाज पर टैक्स लगने से राजनीति भी देश की सुलगने लगी है. विपक्ष दलों के नेताओं ने इस GST में अनाज को शामिल करने की प्रक्रिया को घातक बताया है. एक ओर जहां कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स बताकर सरकार के मंसूबे पर उठाया, तो वहीं हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने वर्तमान टैक्स व्यवस्था को अंग्रेजी हुकूमत से भी बदतर बताया.

पीसीसी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने महंगाई से जुड़ी एक खबर को शेयर करते हुए टिप्पणी की है. उन्होंने फेसबुक पर लिखा है, “इतना टैक्स तो शायद अंग्रेज भी नहीं लेते हों. आज महिलाओं को घर चलाना मुश्किल हो गया है. अजादी के बाद पहली बार अनाज पर टैक्स लग रहा है.” गौरतलब है कि प्रतिभा सिंह पहले भी महंगाई को लेकर सरकार को घेरती रहीं हैं. हालांकि, बेलगाम होती महंगाई पर सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया में बयान नहीं आ रहे हैं.

वहीं, कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष की बात करें तो उन्होंने अपने चीर-परिचीत अंदाज में अनाज पर टैक्स लगाने की आलोचना की. एख बार फिर राहुल गांधी ने GST को गब्बर सिंह टैक्स करार देते हुए सरकार की पॉलिसी को कटघरे में खड़ा किया है. उन्होंने तंज भरे लहजे में ट्वीट करते हुए लिखा, “Gabbar Singh Strikes Again!”. अपने ट्वीट में राहुल ने सबसे ऊप लिखा है, “भारी टैक्स और नौकरी नहीं. एक वक्त में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था को कैसे तबाह किया जाता है, इसमें बीजेपी को महारथ हासिल है.”

इसके बाद राहुल गांधी ने कुछ आंकड़े साझा किए हैं, जिसमें गुड़, लस्सी, दूध, जौ, बाजरा, आटा, दाल जैसी वस्तुओं पर पहले शून्य फीसदी टैक्स और 2022 में अब इस पर 5 फीसदी लगने वाले टैक्स का जिक्र है. गौरतलब है कि देश में महंगाई लगातार आम आदमी की चादर छोटी करती जा रही है. पहले के मुकाबले महंगाई का डोज हर बार भारी होता है. ऐसे में बेरोजगारी से जूझ रही बड़ी आबादी के सामने दो जून की रोटी का संकट खड़ा हो चुका है.

HIGH taxes, NO jobs

BJP’s masterclass on how to destroy what was once one of the world’s fastest growing economies. pic.twitter.com/cinP1o65lB

— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 18, 2022

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