नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने रोजगार के मुद्दे पर वीरभद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि अपने पूरे कार्यकाल में प्रदेश सरकार बेरोजगारों को कोई रोजगार नहीं दे पाई। लेकिन, अब चुनाव आते ही नौकरियों की लुभावनी घोषणाएं कर रही है। 2003 में भी हर घर से एक व्यक्ति को रोजगार देने का वायदा किया था, जो कभी पूरा नहीं हुआ। कांग्रेस सरकार बेरोजगारी दूर करने और रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के प्रति गंभीर होती, तो सत्ता में आते ही इस दिशा में कोई प्रयास करती।
साढ़े चार साल तक कितने ही शिक्षण संस्थान बिना फैकल्टी के चल रहे हैं। छात्रों को कितनी मुसीबतों का सामना करने पड़ा है। बिना फैकल्टी के कॉलेजों में रूसा लागू कर छात्रों का भविष्य अंधकारमय कर दिया गया। इस दौरान प्रदेश भर में शुद्ध पेयजल हर गांव हर क्षेत्र में पहुंचाने में सरकार विफल रही। कांग्रेस बताए सरकार का कार्यकाल खत्म होने पर ही क्यों इन खाली पदों को भरने की याद आई।
धूमल ने प्रदेश में बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां पूरे देश में महिला सशक्तिकरण की कवायद जोर-शोर से चली है, तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश में महिलाएं और मासूम बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। कांग्रेस के नेता अधिकारियों को धमकाने का काम कर रहे हैं। धूमल ने प्रदेश भर के अधिकारियों से अपील की है की वह निष्पक्ष होकर सही काम करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नाकामियों का हिसाब जनता चुनावों में चुकता करेगी।