मंडी के कोटरोपी में हुए दर्दनाक हादसे में एक ओर पूरा प्रदेश शोक में डूबा हुआ है तो वहीं राजनीतिक दलों की इसको लेकर भी राजनीति शुरू हो गई है। सोमवार को प्रतिपक्ष नेता प्रेम कुमार धूमल ने कोटरोपी में मलबे के नीचे दबे लोगों को देरी से निकालने का ठीकरा वीरभद्र सरकार पर फोड़ दिया है। धूमल ने कहा कि सरकार ने कुछ समय पहले प्रदेश में NDRF की स्थापना नहीं होने दी जिसके चलते मंडी में हुई घटना में NDRF की जरूरत महसूस हुई।
सोलन में धूमल ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में पठानकोट से महज 15 मिनट की दूरी पर NDRF बटालियन की स्वीकृति दी गई थी। इसके लिए 12 करोड़ की भूमि का अधिग्रहण प्रस्ताव भी बनाया जा चुका था, लेकिन ऐन मौके पर राज्य सरकार में परिवर्तन हुआ और वीरभद्र सरकार ने इस परियोजना को खटाई में डाल दिया। कांग्रेस सरकार ने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट बंद करवाया था जिसकी कमी मंडी हादसे में महसूस हुई।
यही नहीं, धूमल ने कहा कि पंजाब में बादल सरकार के समय भी सरकार ने कई कामों में अड़चने डाली हैं। बादल सरकार के समय आनंदपुर साहिब औऱ नयनादेवी के बीच रोप-वे की मंजूरी दी थी और इस पर सारा खर्च पंजाब सरकार ही कर रही थी, लेकिन फिर भी सरकार ने प्रोजेक्ट को पूरा नहीं होने दिया। लेकिन इस बार प्रदेश बीजेपी पूरी तैयारियां कर चुकी है और इस बार कांग्रेस का सफाया होकर रहेगा।