शुक्रवार को मंडी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की रैली होने वाली है। खुद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह राहुल की इस रैली की देखरेख कर रहे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस रैली के जरिए बिलासपुर में पीएम मोदी की हुई रैली का जवाब देने जा रही है।
लेकिन, इस रैली में संगठन और सरकार के बीच की खींचतान साफ-साफ दिखाई दे रही है। दरअसल, जब मंडी में रैली है तब संगठन के अधिकांश पदाधिकारी या तो शिमला में है या फिर अपने-अपने गृहक्षेत्र में हैं। राजनीतिक गलियारों में इसके लिए क्रेडिट वॉर को बड़ा कारण माना जा रहा है। कुछ मानना है कि मुख्यमंत्री रैली में खुद ही अहम भूमिका निभाकर इसका श्रेय लेना चाहते हैं। ऐसे में संगठन खुद को लगातार पीछे ही रख रहा है।
लेकिन, कहीं ऐसा ना हो कि 'मैं' की जंग में राहुल गांधी की रैली पीएम मोदी की तुलना में पिछड़ जाए। क्योंकि, सभी की निगाहें राहुल क्या बोलेंगे इस पर नहीं टिकी है। बल्कि, इस बात पर टिकी है कि मोदी के मुकाबले उनकी रैली किस हद तक टक्कर देने वाली है।