प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने बीजेपी के उन नेताओं को आड़े हाथ लिया है जिन्होंने राहुल गांधी के दो संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि बीजेपी को जरा अपने नेताओं के इतिहास पर भी नज़र दौड़ा लेनी चाहिए। राठौर ने कहा है कि राहुल गांधी का दो जगहों से चुनाव लड़ना उन लोगों की भावनाओं का आदर और सम्मान करना है, जो चाहते थे कि राहुल साउथ से भी चुनाव लड़े। प्रदेश कांग्रेस राहुल गांधी के इस निर्णय का स्वागत करती है।
राठौर ने बीजेपी को याद दिलाते हुए पूछा है कि जब 2014 में उनकी पार्टी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो जगहों से क्यों चुनाव लड़े थे तो क्या उन्हें अपनी जीत पर कोई संदेह था, जो आज राहुल गांधी पर सवाल उठा रहे हैं। स्व,पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवानी क्यों दो दो जगहों से चुनाव लड़े थे। दूसरों पर उंगली उठाने से पूर्व आज के बीजेपी नेताओं को अपना इतिहास भी खोल लेना चाहिए।
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राठौर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस मजबूती के साथ एकजुट हो कर चुनाव मैदान में उतर रही है। कांग्रेस की एकता से प्रदेश में बीजेपी के सिरदर्द हो गया है। बीजेपी जो चुनावों से पूर्व अपने वर्तमान सांसदों को चुनाव मैदान में उतारने की बात करती थी, कांगड़ा ओर शिमला में अपने प्रत्याशी क्यों बदले। उन्हें क्या हार का डर सता रहा है, या फिर वे फिसिडी रहे। वैसे यह पूरा मामला बीजेपी का अंदरुनी है, पर प्रदेश के लोगों विशेषकर शिमला ओर कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लोगों का अधिकार है कि उन्हें चुनाव मैदान से क्यों हटाया गया।
राठौर ने शांता कुमार के उस बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है जिसमें उन्होंने पंडित सुखराम और वीरभद्र सिंह के एक होने को महज़ एक नाटक कहा है। उन्होंने उन्हें याद दिलाना चाह है कि 2017 में प्रदेश में जब पंडित सुखराम के उनकी पार्टी में शामिल हुए थे, तब क्या वे आरोप मुक्त थे। कांग्रेस में आयें तो दोषी, बीजेपी में जाएं तो पुण्य। राठौर ने तंज कसते हुए कहा कि शायद वो अपना टिकट कटने के कारण सदमे में हैं और अपनी खीज मिटाने के लिए दोषारोपण कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि बीजेपी को कांग्रेस की नहीं अपनी चिंता करनी चाहिए। प्रदेश की चारों सीटों पर कांग्रेस पार्टी की जीत होगी और देश में राहुल गांधी के नेतृत्व में ही कांग्रेस की सरकार बनेंगी।