राठौर का हमीरपुर दौरा 3 दिन बाद खत्म, रहे कुछ खट्टे-मीठे अनुभव

<p>हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर का हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र का 3 दिन का दौरा शुक्रवार को संपन्न हो गया और बिलासपुर में अंतिम मीटिंग लेने के बाद शिमला चले गए। लेकिन इन सबके बीच में उनके दौरे को लेकर कई तरह की चर्चाएं गर्माई रहीं। जिनमें सबसे महत्वपूर्ण अगर हम बात करें तो बिलासपुर के नेता ठाकुर रामलाल का बंद कमरे में संबोधन रहा। जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर नए अध्यक्ष को कहा कि आप कड़े फैसले लेने की बात तो कर रहे हैं लेकिन पार्टी चुनाव में जा रही है और हमें नहीं लगता कि बहुत कड़े फैसले पार्टी की जीत में कोई योगदान कर पाएंगे। इसलिए जो भी फैसला लिया जाए वह सोच समझ कर लिया जाए।</p>

<p>रामलाल ठाकुर ने स्पष्ट तौर पर एक नसीहत नए अध्यक्ष को दे डाली और उन्होंने अपने लोकसभा चुनावों के एक्सपीरियंस को उनको मंच पर शेयर किया। जिसमें उन्होंने स्पष्ट बताया कि कैसे कांग्रेस के नेताओं ने विशेष रूप से विप्लव ठाकुर और आशा कुमारी ने उनको हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने सोनिया गांधी के आदेश पर उस चुनाव को लड़ा भी। लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि उनको चुनाव लड़ने के लिए जिन संसाधनों की आवश्यकता थी उस तरह के कोई भी संसाधन न दिए गए ना ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अपने समर्थकों को मेरे समर्थन की बात कही। इस तरह से रामलाल ठाकुर ने जहां अपने एक्सपीरियंस को मंच के माध्यम से सुनाया वहीं उन्होंने नए प्रदेशाध्यक्ष को किसी भी तरह की बड़े ऑपरेशन पार्टी के भीतर करने के लिए मना भी किया। उन्होंने कहा कि आप चुनावों का इंतजार करें।</p>

<p>उन्होंने कहा कि सभी को मालूम है कि जब प्रदेश में नया अध्यक्ष बनता है तो सभी कार्यकारिणीयां खुद ब खुद भंग हो जाती हैं। वहीं हमीरपुर की बात करें तो सुखविंदर सिंह सुक्खू के पक्ष में पूर्व उद्योग मंत्री रणजीत सिंह वर्मा का प्रस्ताव चर्चा का विषय रहा। जिसमें उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि 6 सालों में बीजेपी हमीरपुर में कमजोर हुई है और कांग्रेस पार्टी सशक्त हुई&nbsp; है और यही कारण था कि 3 विधायक हमीरपुर से जीतकर निकले।</p>

<p>अपने दौरे के दौरान कुलदीप राठौर ने कांग्रेस का खजाना खाली होने की बात कही और उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में वह प्रदेश के अध्यक्ष बने हैं। वहीं पूर्व मंत्री रंजीत सिंह वर्मा ने कहा कि अगर पार्टी का खजाना खाली है तो सभी विधायक और पूर्व विधायक अपनी अपनी पेंशन और सैलरी से उसमें कंट्री ब्यूट करके पार्टी के खजाने को फिर भर सकते हैं। अंत में टिकटों को लेकर भी और उम्मीदवार के नामों को लेकर भी चर्चा हुई जिस पर कुलदीप राठौर ने ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर में स्पष्ट तौर पर कहा कि वह पार्टी हाईकमान के सर्वे प्रदेश में चल रहे हैं और वह भी प्रयास करेंगे।</p>

<p>लेकिन एक सर्वे पार्टी अपने स्तर पर हिमाचल प्रदेश में सभी लोकसभा क्षेत्रों में भी करवाएगी ताकि उपयुक्त नाम आगे आएं और उन्होंने कहा कि नामों को लेकर किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी और सिर्फ जीतने वाला नाम ही उम्मीदवार के रूप में आगे आएगा। उम्मीदवार के नाम की घोषणा भी समय से कर दी जाएगी।</p>

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