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राशन सब्सिडी के फैसले से मध्यम वर्ग पर पड़ेगा बोझ, दोबारा विचार करे सरकार: GS बाली

मृत्युंजय पूरी |

सरकार के कैबिनेट बैठक में राशन सब्सिडी को लेकर लिए गए फैसले पर पूर्व खाद्य मंत्री जीएस बाली ने प्रतिक्रिया दी है। जीएस बाली ने कहा कि सरकार ने ये फैसला तो लिया है लेकिन ये सही समय नहीं था। मध्यम वर्ग के लोग रोज़ाना मेहनत करके कमाते हैं और उनपर इस तरह बोझ डालना सही नहीं है। सरकार का ये फैसला दुखद है और सरकार को इस पर दोबारा विचार करना चाहिए।

ग़ौरतलब है कि कोरोना काल की मार हिमाचल प्रदेश में माध्यम वर्ग पर सबसे ज्यादा पड़ रही है। हिमाचल का माध्यम वर्ग जो इनकम टैक्स भरता है औऱ उनको अब एक साल तक सस्ते राशन पर सब्सिडी नहीं मिलेगी। इसके अलावा जो दूसरे एपीएल परिवार है उनको भी दालों, चीनी और तेल पर मिलने वाली सब्सिडी पहले से कम मिलेगी। प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में ये फैसला लिया गया है।

इससे प्रदेश सरकार को 71 करोड़ का मुनाफ़ा होगा। बीपीएल परिवारों को दी जाने वाली सब्सिडी मिलती रहेगी। बीपीएल परिवार में सलाना आय के हिसाब से अधिक लोग जोड़े जाएंगे। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि सरकार अब निज़ी इंडस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बनाने पर विचार कर रही है। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग की 3 सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया है।

ये लोग इंडस से अधिग्रहण की प्रक्रिया पर काम करेंगे। केंद्र की गाइडलाइंस के मुताबिक लॉक डाउन 4 के बाद प्रदेश में अगले निर्णय लिए जाएंगे। प्रदेश में लेबर लॉ संसोधन को भी मंजूरी दे दी है। छोटे यूनिट कांटेक्ट में कर्मियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अब मजदूर 70 घण्टे के बजाए 115 घण्टे तक ओवर टाइम कर सकेगा। इसके बदले मज़दूरों को दोगुना वेतन देने पड़ेगा।