हिमाचल के सेवानिवृत्त आईएएस अफ़सर दीपक शानंन पर सरकार ने खासी मेहरबानी दिखाई है। सरकार ने नियमों को ताक पर रख कर इस अफसर को सेवानिवृति के बाद स्टडी लीव का पैसा दे दिया। अफ़सर को सरकार ने 24 अक्टूबर 2016 से 20 जनवरी 17 तक कि स्टडी लीव सेंक्शन की। जिसकीं नोटिफिकेशन अप्रैल माह में जारी हुई है।
दरअसल दीपक शानंन 31 जनवरी 2017 को सेवानिवृत हो गए थे। दीपक शानंन ने सेवनिवृति से 7 दिन पहले ही पिछली सरकार के दौरान स्टडी लीव के लिए अप्लाई किया था। जबकिं स्टडी लीव पर जाने के लिए सेवानिवृत्त से पहले तीन साल स्टडी लीव के लिए चाहिए। हालांकि पिछली वीरभद्र पिछली सरकार ने उनकी स्टडी लीव की एप्लीकेशन को ये कह कर रिजेक्ट कर दिया था कि ये नियमों के ख़िलाफ़ है।
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लेकिन जय राम सरकार ने सेवानिवृत के बाद अप्रैल माह में शानंन की स्टडी लीव सेंक्शन कर दी। बताया जा रहा है कि स्टडी लीव से शानंन को 4 लाख रुपये का फायदा दिया गया। गौरतलब है कि दीपक शानंन वही आईएएस अफ़सर हैं जिनका नाम एचपीसीए मामले में भी विवादित था। इसके अलावा टीडी की लकड़ी को लेकर भी उनके ऊपर कई सवाल रहे हैं। अब हिमाचल सरकार पर यही सवाल खड़ा हो रहा है कि ऐसी क्या नौबत आ गई कि एक सेवानिवृत अफसर को स्टडी लीव देनी पड़ गई।