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सचिवालय का यह कमरा है मनहूस, जो बैठता है चुनाव हार जाता है

समाचार फर्स्ट डेस्क |

हिमाचल प्रदेश सचिवालय का कमरा नंबर 202 अपनी मनहूसियत के लिए कुख्यात है। इस बार फिर इस कमरे में बैठने वाला मंत्री हार गया। दरअसल, पिछले ट्रेंड्स को देखते हुए माना जाता है कि जिस मंत्री को भी यह कमरा मिलता है वह चुनाव हार जाता है। इस बार यह कमरा शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा को मिला था और देखिए कि वह भी अपना चुनाव हार गए।

इस कमरे में जो भी कैबिनेट मंत्री बैठा है उसे अगले चुनाव में हार ही नसीब हुई है। इससे पहले जेपी नड्डा, आशा कुमारी और नरेंद्र बरागटा भी कमरा नंबर 202 में बतौर मंत्री बैठे। लेकिन, ये सभी अपना अगला चुनाव हार गए। इस बार भी सुधीर शर्मा के हार जाने से इस कमरे की मनहूसियत पर मुहर लग गई है। अब सभी मानने लगे हैं कि कमरा नंबर 202 वाकई में अनलकी है।

इन मंत्रियों को भी हरा दिया था कमरा नंबर 202!

गौरतलब है कि साल 1998 से 2003 तक धूमल सरकार में मंत्री रहे जगत प्रकाश नड्डा भी कमरा नंबर 202 में बैठते थे। इस कमरे में बैठने के साथ ही अगले चुनाव में उन्हें अपनी सीट गंवानी पड़ी थी।

नड्डा के अलावा 2007 में कांग्रेस सरकार में शिक्षा मंत्री रहीं आशा कुमारी भी अगले चुनाव में हार गईं। आशा कुमारी भी चुनाव से ठिक पहले तक इसी कमरे में बैठती थीं। इसके बाद बीजेपी सरकार में यह कमरा नरेंद्र बरागटा को अलॉट हुआ। लेकिन, 2012 के चुनाव में बरागटा को भी शिकस्त झेलनी पड़ी।

कमरा नंबर 202 में बैठने वाले कैबिनेट मंत्रियों के हार के ट्रेंड को देखते हुए, इस पर मनहूस का ठप्पा लग गया है। अगली बार जिस भी मंत्री को यह कमरा अलॉट होगा उसका क्या होगा…इस पर अटकलें अभी आगे और लगाई जाएंगी।