विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही कांग्रेस में युवा वर्ग को टिकट आवंटन को लेकर कई बातें सामने आ रही थी। इसी बीच प्रदेश प्रभारी सुशील कुमार शिंदे ने इस मामले पर तूल दे दी है और प्रदेश के संगठनात्मक जिला अध्यक्षों को 15 दिन के अंदर अपने-अपने इलाके के उन चेहरों के नाम पार्टी कार्यालय में देने को कहा है जो आने वाले चुनावों में पार्टी का संभावित चेहरा हो सकते हैं। शिंदे ने संगठन से भी लिस्ट मांगी है जिसके चलते कांग्रेस के युवा बर्ग को भी टिकट मिलने की आस नजर आने लगी है।
प्रदेश के बहुत से युवा चेहरे को खुद को टिकट के लिए काबिल तो समझते हैं लेकिन दिग्गजों के आगे युंका ताक़त बोनी साबित हो जाती है। लेकिन, जब से राहुल गांधी ने नए प्रोफेशनल्स को आगे लेकर आने की बात कही है तो कहीं ना कहीं युवा भी टिकट की इस कतार में हैं।
संगठन अब हर विधानसभा से 3 नए नाम देने जा रहा है। लेकिन, अब देखना यह होगा कि जिस तरह से प्रदेश अध्यक्ष बार-बार नए चेहरों को आगे लाने की बात करते हैं क्या ऐसा सचमुच होगा या फिर बीजेपी की तरह बदलाव की बात करते हुए नए चेहरे आएंगे।
बता दें कि नए युवा चेहरों की दौड़ भी हिमाचल राजनीति में कम नहीं है। एक और विक्रमादित्य सिंह चुनावी लड़ाई के लिए शिमला ग्रामीण से तैयार नज़र आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के तमाम हिस्सों में से अलग-अलग युवा टिकट के लिए जोश में दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही रघुवीर सिंह बाली जो हमेशा कांगड़ा से राजनीति करते आए हैं। कांग्रेस उन्हें भी सदर से मैदान में ला सकती है क्योंकि सदर में हमेशा ही बाली परिवार महत्वपूर्ण फैक्टर रहा है।
इसके अलावा टिकट की दौड़ में कांग्रेस प्रवक्ता नरेश चौहान ,कांग्रेस बरिस्त उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, यदुपति ठाकुर, नरदेव कंवर, डाक्टर पुष्पेंदर वर्मा , सुजीत भरमौरी , रणवीर राणा, नरेश ठाकुर, विवेक सहित बहुत से पूरे प्रदेश मैं ऐसे नाम है जो युवा है और पार्टी को नै दिशा देने मैं भी कहीं न कहीं शक्षम है।
कांग्रेस प्रवक्ता नरेश चौहान ,जिला अध्यक्ष हमीरपुर नरेश ठाकुर ने भी इस सर्वे की पुष्टि की है और ये भी कहा है की जो लोग सांसद का चुनाव लड़े हैं अच्छा रहेगा की वो आगे अपने चुनाव की तैयारी करें और इस बार टिकट ना मांगकर सिर्फ पार्टी को जीतने का प्रयास करें।