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हिमाचल में प्रस्तावित 69 नेशनल हाईवेज की सच्चाई, 8 NH तो 25 किमी से भी कम हैं

पी. चंद |

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के दौरान 69 नेशनल हाईवेज बनाए जाने की चर्चा आपने खूब सुनी होगी। केंद्र सरकार के मंत्री हिमाचल पहुंचने पर अक्सर इस मुद्दे पर अपनी पीठ थपथपाना नहीं भूलते। वहीं, हिमाचल में विपक्ष नेशनल हाईवेज प्रॉजेक्ट के प्रॉग्रेस को लेकर राज्य सरकार को घेरने में लगा रहता है। सवाल उठते हैं और जवाब भी दिए जाते हैं, लेकिन इस पूरे मामले का असल ब्लू-प्रिंट क्या है यह जनता के सामने नहीं आ पाता।

हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्रदेश के लिए स्वीकृत 69 राष्ट्रीय राजमार्गों की सच्चाई आख़िर क्या है। दरअसल, 3 राष्ट्रीय राजमार्गों जिनकी लंबाई 167 किलोमीटर है, इन्हें छोड़ दिया जाए तो बाकी के एनएच की लंबाई कुछ ख़ास नहीं है। सबसे बड़ी बात की इनके निर्माण कार्य कब तक होंगे इसकी डेडलाइन तय नहीं है। लेकिन, कंस्ट्रक्शन उद्योग में शामिल अनुभवी लोगों का मानना है कि इस प्रोजेक्ट को अगर सरकार अमल में लाती भी है, तो समय काफी लगने वाला है।

प्रस्तावित मुख्य नेशनल हाईवेज और इनकी दूरी

हिमाचल को 4210 किलोमीटर एनएच मिले हैं। इन 69 एनएच में से आठ राष्ट्रीय राजमार्ग 25 किलोमीटर से कम हैं। इनमें पोवारी के पास एनएच-5 रिकांगपिओ को जोड़ने वाला और कल्पा तक का एनएच-505(A)  की लम्बाई 17 किलोमीटर है।—- बाकी ख़बर विज्ञापन के नीचे है, कृपया नीचे स्क्रॉल करें—

डडौर, चैलचौक, जंजैहली, छतरी, रानबाग, नागन सुरंग सहित एनएच की लंबाई 11 किलोमीटर की है। घनासीधार से टिक्कर 14 किलोमीटर, सुंगरी तकलेच नोगली एनएच 5 पर इसकी लंबाई भी 14 किलोमीटर है। सोलन से ओछघाट राजमार्ग की लम्बाई 10 किलोमीटर, धधोल सवारासेमुहाल कुठेरमार्ग 16 किलोमीटर, सोलन सबाथू कैंचीमोड़ 23 किलोमीटर , अजोली संतोषगढ़ ऊना लोवर लालसिंघी स्वानपुल 22.20 किलोमीटर जबकि बेरी सड़क जब्बल बल्ह भुलाना की लंबाई 22 किलोमीटर है।

61 नेशनल हाईवेज 100 किलोमीटर से कम

सबसे लंबा 271 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग 154 ध्रमण सिहुता, चौवारी, जोत, चम्बाकोटी, तीसा किलाड़ है। जबकि 7 एनएच 100 किलोमीटर से लेकर 180 किलोमीटर तक के है। बाकि बचे सभी 61 एनएच 100 से कम किलोमीटर के है। विकास के इस ब्लू-प्रिंट की असल सच्चाई देखने के बाद राजनीतिक दृष्टिकोण से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ी बात कि यदि ये एनएच बनते भी हैं, तो ज़मीन का अधिग्रहण कहाँ से और कब तक किया जाएगा…।