ये रहा वाजपेयी का सबसे मुश्किल फैसला, कंधार में छोड़ने पड़े थे 3 आतंकी

<p>अटल बिहारी वाजपेयी जब देश के प्रधानमंत्री थे, तो एक घटना ऐसी घटी की पूरी दुनिया की नजर भारत सरकार पर टिकी हुईं थी। कंधार विमान अपहरण एक ऐसी घटना थी, जिसने वाजपेयी सरकार को आतंकियों की मांग मानने पर मजबूर कर दिया था और शायद यही अटल बिहारी वाजपेयी के लिए सबसे मुश्किल फैसला था।</p>

<p>24 दिसंबर 1999, जब दुनिया क्रिसमस की तैयारी कर रही थी, हिंदुस्तान से कुछ ही दूर नेपाल में कंधार विमान हाईजैक करने की तैयारी हो रही थी। 18 साल पहले देश एक प्लेन हाईजैक से थर्रा गया था। 24 दिसंबर, 1999 नेपाल की राजधानी काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाले इंडियन एयरलाइंस का विमान आईसी-814 हाईजैक हो गया था।</p>

<p>तालिबान ने भारतीय विशेष सैन्य बलों द्वारा विमान पर धावा बोलने से रोकने की कोशिश में अपने सशस्त्र लड़ाकों को अपहृत विमान के पास तैनात कर दिया। अपहरण का यह सिलसिला 8 दिनों तक चला और भारत द्वारा तीन इस्लामी आतंकवादियों &ndash; मुश्ताक अहमद जरगर, अहमद उमर सईद शेख (जिसे बाद में डैनियल पर्ल की हत्या के लिए गिरफ्तार कर लिया गया) और मौलाना मसूद अजहर (जिसने बाद में जैश-ए-मुहम्मद की स्थापना की) को रिहा करने के बाद खत्म हुआ। अमृतसर में कप्तान शरण ने विमान में ईंधन भरने का अनुरोध किया।</p>

<p><strong><span style=”color:#c0392b”>ये थी भारत सरकार से आतंकियों की मांग</span></strong></p>

<p>अपहरणकर्ताओं ने शुरू में भारतीय जेलों में बंद 35 उग्रवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर नगद देने की मांग की थी। इधर, भारत में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, गृह मंत्री लाल कृष्ण आड़वाणी और विदेश मंत्री जसवंत सिंह समेत समूची सरकार आतंकियों की मांग पर विचार विमर्श कर रही थी। लेकिन आतंकी इससे कम पर मानने को तैयार नहीं थे। दिन बीतते जा रहे थे। वार्ता जारी थी।</p>

<p><span style=”color:#c0392b”><strong>तीन आतंकियों की रिहाई पर बनी बात</strong></span></p>

<p>तालिबान और भारत सरकार के अधिकारी लगातार अपहरणकर्ताओं के साथ बातचीत कर रहे थे। अब भारत सरकार के साथ-साथ आतंकियों पर भी दबाव बन रहा था। सरकार आतंकियों की कोई मांग नहीं मानना चाहती थी। लेकिन भारतीय यात्रियों की जान खतरे में थी। आतंकी मानने को तैयार नहीं थे। लिहाजा, सात दिन बाद यानी साल के आखरी दिन 31 दिसंबर 1999 को बातचीत रंग लाई। अपहरणकर्ता तीन कैदियों की रिहाई की मांग पर आकर मान गए। वार्ताकार उन्हें इस मांग तक मनाने में कामयाब रहे।</p>

<p>&nbsp;</p>

Samachar First

Recent Posts

संजौली मस्जिद विवाद : चार अलग-अलग मामलों में 185 आरोपी बनाए,एफआईआर में भाजपा के राज्य कोषाध्यक्ष, विहिप के प्रांत मंत्री भी नामजद

  समाचार फर्स्‍ट नेटवर्क Shimla: संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण के विरोध में प्रदर्शन करने…

3 hours ago

खुला नौकरियों का पिटारा: नगरोटा में ही 5000 युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य: बाली

 सिटी ग्रुप ने आयोजित किया रोजगार मेला, 300 का हुआ चयन 35 कंपनियों ने लिया…

7 hours ago

हमीरपुर में गणेश विसर्जन की धूम

  Hamirpur: गणेश महोत्सव के आयोजन के दौरान अंतिम दिन गणेश मूर्ति के विसर्जन से…

8 hours ago

उचित पोषण के लिए दैनिक आहार में विविधता जरूरी: सीडीपीओ

  Hamirpur:महिला एवं बाल विकास विभाग ने राष्ट्रीय पोषण माह के उपलक्ष्य पर सोमवार को…

8 hours ago

हमीरपुर में सदस्यता अभियान पकड़ेगा रफतार, कश्‍यप ने ली बैठक

  Hamirpur: भारतीय जनता पार्टी का देश भर में चला सदस्यता अभियान हिमाचल में भी…

8 hours ago

रंगस स्कूल के विद्यार्थियों को समझाए मौलिक कर्तव्य

  Hamirpur:जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के उपलक्ष्य…

8 hours ago