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GS बाली के घर पहुंचे वीरभद्र सिंह, सभी ने कहा- बहुत याराना लगता है…

मृत्युंजय पुरी, धर्मशाला |

पॉलिटिकल राइवेलरी, खेमा, बयानबाजियां इन हस्तियों के संदर्भ काफी कुछ लिखा गया है और पढ़ा गया है। ऐसे में इन तस्वीरों को गौर से देखने कि दरकार है। क्योंकि, राजनीतिक पंडित अक्सर राजनीतिक हस्तियों के हाव-भाव का भी गहनता से अध्ययन करते हैं। जरूरी है कि इन फोटोग्राफ का भी पहले बारीकी से निरीक्षण कर लिया जाए उसके बाद इसके पीछे की पूरी कहानी आपको चंद लाइनों में बता देंगे…

जीएस बाली का घर और वीरभद्र सिंह। कॉफी की चुस्कियां। हंसी-ठहाके और हल्के-फुल्के पल। ये सब चीजें इन दोनों दिग्गजों के विरले ही देखने को मिलते। अक्सर दोनों ही नेता एक ही पार्टी के दो ध्रुव माने जाते हैं। लेकिन, जब एक साथ आते हैं तो सियासी गलियारे में खलबली मचना लाजमी है। पहले आप ये भी तस्वीर देखें..फिर आगे की दास्तान बताते हैं..

दरअसल, वीरभद्र सिंह कांगड़ा दौरे पर हैं और नेताओं के साथ लोकसभा चुनाव के संदर्भ में बैठकें कर रहे हैं। हालांकि, धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में जीएस बाली नहीं पहुंचे। लेकिन, वीरभद्र सिंह उनके घर जरूर पहुंच गए। जैसा की आप जानते होंगे कि जीएस बाली काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे हैं। लिहाजा, जानाकारी के मुताबिक वीरभद्र सिंह उनका हाल-चाल लेने उनके घर पर पूरे दल-बल के साथ पहुंच गए। उनके साथ मुकेश अग्निहोत्री, राजेंद्र राणा और आशीष बुटेल भी मौजूद थे। जीएस बाली और उनके बेटे रघुवीर सिंह बाली के साथ इन नेताओं की घंटों तक बातें होती रहीं।

जीएस बाली के घर पर नेताओं के इस जमघट ने एक नए कयास को जन्म दे दिया है। क्या कांग्रेस जल्द ही नए स्वरूप में दिखाई देगी? क्या पार्टी के नेताओं के बीच जमी बर्फ पिघल चुकी है? क्या नई राजनीतिक अंडरस्टैंडिंग इन नेताओं में बन चुकी है? हालांकि, इससे पहले भी ये सवाल उठते रहे हैं। लेकिन वक्त है कि इनके बीच के रिश्तों को बार-बार एक ही पटल पर लाकर रख ही देता है। वैसे जीएस बाली के घर जो माहौल था वह काफी याराना था। इसी माहौल में राजनीतिक गुफ्तगू भी हुई। विचारों का आदान-प्रदान भी हुआ।

बाली ने वीरभद्र के लिए खुद बनायी कॉफी

जीएस बाली ने अपने घर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मेहमान-नवाजी भी काफी तसल्ली से की। उन्होंने अपने हाथों से खुद कॉफी बनाकर वीरभद्र को पेश किया। दोनों ही नेता एक दूसरे के साथ घुलमिलकर बातचीत करते नज़र आए। वहां मौजूद बाकी नेताओं से अलग इनकी बातचीत काफी गोपनीय तरीके से भी होती दिखाई दी।

क्या कॉफी की तरह राजनीतिक संबंध भी मधुर होंगे?

इस बड़े ही याराना माहौल को देखते हुए हालांकि अभी भी 'इंफ एंड बट' का क्रम जारी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी मुलाकातें वीरभद्र सिंह और जीएस बाली के बीच कई बार देखी गई हैं और उस दौरान भी इनके बीच जमी बर्फ के पिघलने के कयास लगे हैं। लेकिन, सियासी बिसात पर दोनों नेता दो ध्रुवों पर दिखाई देते रहे हैं।

हालांकि, जानकारों का कहना है कि राजनीति में कुछ भी संभव है। चूंकि लोकसभा चुनाव सिर पर है और ऐसे में दोनों नेताओं की राजनीतिक जुगलबंदी एक नए ही आयाम को खोल सकती है।

बाली से मेरे संबंध पारिवारिक: वीरभद्र सिंह

समाचार फर्स्ट ने इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से जीएस बाली के साथ संबंधों के बारे में पूछा। वीरभद्र सिंह ने साफ कहा कि उनके और जीएस बाली के निजी संबंध बेहद सी मधुर हैं। उनके बीच का रिश्ता काफी पुराना और पारिवारिक है। लोगों को उनके संबंधों की सही से जानकारी नहीं है।

गौरतलब है कि इससे पहले समाचार फर्स्ट के साथ बातचीत में ही पूर्व परिवहन मंत्री जीएस बाली ने भी वीरभद्र सिंह के साथ अपने रिश्तों को मधुर बताया था। उन्होंने भी माना था कि वीरभद्र सिंह के साथ उनके पारिवारक रिश्ते हैं और काफी मज़बूत हैं।

खैर अगर पारिवारिक रिश्तों की खाद राजनीतिक रिश्तों में भी पड़ जाती है तो जाहिर है आने वाले वक़्त में सियासत का वटवृक्ष काफी फैलाव ले सकता है।