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रघुवीर सिंह बाली और विक्रमदित्य सिंह में कौन बेहतर ,सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर

नवनीत बत्ता, हमीरपुर |

चुनावी मौसम में बहुत से नए समीकरण बनते भी हैं और बिगड़ते भी हैं और इसी कड़ी में इन दिनों कांग्रेस की यूथ ब्रिगेड अपने -अपने कांग्रेस नेता में अपना भविष्य को तलाश रही है। इस तलाश में कांग्रेस की युवा पीढ़ी 2  नामों पर प्रमुख तौर पर नज़र टिकाए हुए है । इनमें एक नाम रघुवीर सिंह बाली का है जो हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव हैं और दूसरा नाम विक्रमादित्य सिंह का है जो युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। 

सोशल मीडिया में एक पोस्ट चर्चा में है, जिसमें युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और इन दोनों युवा नेताओं की काबलियत पर चर्चा की। चर्चा के दौरान आरएस बाली का पलड़ा भारी दिखाई दिया। युवा कांग्रेसियों ने एक सुर में आरएस बाली पर विश्वास जताया। हालांकि, इस दौरान एक तबका ऐसा था जो बीजेपी से टक्कर लेने के लिए इन दोनों नेताओं को एक मंच पर आने का सुझाव भी दिया। 

कांग्रेस के युवा नेता रघुवीर सिंह बाली की बात करें तो सोशल मीडिया में चर्चा के दौरान इनका खासा क्रेज दिखाई दिया। इनमें से अधिकांश ने RS बाली में एक बेहतर नेता होने की बात कही।

दरअसल, अगर आरएस बाली और विक्रमादित्य की तुलना की जाए तो आरएस बाली ने यूथ कांग्रेस के चुनाव में विक्रमादित्य को पटखनी दे चुके हैं। यही कारण है कि कांग्रेस के अधिकांश युवाओं की पसंद आरएस बाली हैं। गौरतलब है कि यूथ कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के दौरान आरएस बाली के खिलाफ मैदान में खड़े विक्रमादित्य को कांग्रेस की इंटरनल इलेक्शन कमेटी से फटकार भी पड़ चुकी है। चुनाव में ग़लत गतिविधि के चलते उन्हें 2 साल के लिए पार्टी के किसी भी इकाई में चुनाव लड़ने परे प्रतिबंधित कर दिया गया था। 

इसके बाद आरएस बाली को यूथ कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया और उन्हें यूथ कांग्रेस (ऑल इंडिया) के एग्जेकेटिव में भी स्थान दिया गया।

हालांकि, विगत दो सालों के भीतर विक्रमादित्य ने भी अपनी साख काफी मज़बूत बनाई है। विक्रमादित्य सिंह युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और लगातार युवा कांग्रेस में उनकी सक्रियता रहती है। यही वजह है कि संभावित लीडरशिप को लेकर उनका नाम भी चर्चा में रहता है।

चर्चा के दौरान कांग्रेस के युवा कार्यकर्ताओं ने आरएस बाली और विक्रमादित्य के व्यवहार पर भी टिका-टिप्पणी की। एक तरफ जहां आरएस बाली से कार्यकर्ता स्तर पर मुलाकातों को सरल बताया गया तो वहीं विक्रमादित्य के साथ इसमें परेशानी होने की बात कही गई।