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शीतकालीन सत्र: विधवाओं की पेंशन को बढ़ाने, पेंशन लगाने और आय सीमा की छूट पर चर्चा

पी.चंद |

सदन की कार्यवाही के अंत में विपक्ष की गैरमौजूदगी में नियम 130 के अंतर्गत रीता देवी और सुखराम चौधरी ने प्रदेश में विधवा और अपंग पेंशन हेतु ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव की शर्त के स्थान पर ग्राम पंचायत द्वारा पारित को मान्य किए जाने एवं 45 वर्ष से कम आयु की विधवा महिलाओं को पेंशन देने हेतु आय में छूट प्रदान करने पर विचार किया गया।

इस पर सुखराम ने सुझाब दिया कि विधवा महिलाओं को पेंशन जल्द लगाने के लिए पंचायत ग्राम सभा के कोरम की जगह सिर्फ पंचायतों को पेंशन के कागज़ात बनाने का अधिकार दिया जाए ताकि ऐसी महिलाओं को पेंशन के लिए पंचायत के कोरम के पूरा होने का इंतजार न करना पड़े व पेंशन के लिए कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़े। उन्होंने ये भी मांग उठाई की ऐसी महिलाओं के लिए आय सीमा जो कि सालाना 35000 रखी गई है उसको खत्म किया जाए।

इसी पर होशियार सिंह ने विधवाओं की पेंशन को बढ़ाने की मांग के साथ उनके बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाए। ऐसी महिलाओं को तीन माह के भीतर पेंशन की सुविधा दी जाए। विधायक कमलेश कुमारी ,विनोद कुमार, परमजीत सिंह पम्मी, कर्नल इन्द्र सिंह, अरुण कुमार, अर्जुन सिंह व राकेश सिंघा ने पेंशन को लेकर विधवाओं के समक्ष आ रही समस्याओं को उठाया और उन्हें पेंशन के नियमों में छूट देने की मांग उठाई।

इस चर्चा का जबाब देते हुए सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री डॉ राजीव सैजल ने बताया कि प्रदेश में 5 लाख 34 हज़ार जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जो 35000 की आय सीमा को ख़त्म करने का सुझाव आया है उस पर सरकार विचार करेगी। जबकि दूसरी बड़ी समस्या कोरम पूरा न होने से पेंशन का लटकना है इस पर भी सरकार जल्द कोई निर्णय लेगी। सरकार ने निर्णय लिया है कि 45 वर्ष से कम आयु की विधवाओं के रोजगार के लिए नीति बनाएगी।

इस पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विधवाओं के मामले पर किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है। सरकार आय सीमा व ग्राम सभा की शर्त हटाने पर जल्द विचार करेगी। ताकि विधवाओं को जल्द पेंशन लग सके। इसी के साथ विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।