राकेश जामवाल सुंदरनगर और विनोद कुमार नाचन ने ऊर्जा मंत्री से पूछा कि बीबीएमबी प्रोजेक्ट में जब से बिजली उत्पादन शुरू हुआ तब कितने अधिकारी और कर्मचारी थे और अब कितने हैं। यहां खाली पड़ी भूमि का क्या उपयोग किया जा रहा है। बीबीएमबी ने कितनी सरप्लस भूमि हिमाचल सरकार को वापिस दी और मूल परिवारों को कितनी भूमि वापिस ली।
जबाब में मंत्री ने बताया कि इसकी सूचना एकत्रित की जा रही है।
किन्नौर के कांग्रेसी विधायक ने ऊर्जा मंत्री से पूछा कि किन्नौर जिला में कितने माइक्रो प्रोजेक्ट अलॉट हुए। ये कितनी मेगावाट के हैं।
जबाब में ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने बताया कि आजतक किन्नौर में 36 माइक्रो पावर प्रोजेक्ट अलॉट हुए जिनकी क्षमता 95 मेगावॉट की है। जबकि स्माल हाइड्रो के प्रदेश भर में 707 प्रोजेक्ट अलॉट हुए हैं जिनकी क्षमता 1629.34 मेगावॉट की है। हिमाचल में साढ़े दस हज़ार मेगावॉट बिजली का उत्पादन हो रहा है जबकि क्षमता 27000 मेगावॉट की है। यूनियन के कारण बिजली प्रोजेक्ट कार्य लटक रहे हैं।