हिमाचल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि उपचुनाव में कांग्रेस की जीत के साथ ही अब पहाड़ से बदलाव की हवाएं चल पड़ी है। राठोर ने कहा कि प्रदेश में एक संसदीय क्षेत्र और चार विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनाव को भाजपा चुनावी सेमीफाइनल करार दे रही थी। जिसे कांग्रेस ने जीत लिया है अब 2022 के फाइनल में भी भाजपा की हारी हुई टीम को हराएंगे। कांग्रेस ने मंडी में मुद्दों पर चुनाव लड़ा, जबकि भाजपा ने कई बार कभी क्षेत्रवाद तो कभी राष्ट्रवाद के नाम पर मुददों को भटकानें की कोशिश की। चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी और सरकार की नाकामियां अहम मुद्दे रहे कांग्रेस ने इन्हीं मुददों पर चुनाव लड़ा।
भाजपा के सहानुभूति के नाम पर मंडी में वोट पड़ने के सवाल पर राठौर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के निर्माण में जहां प्रथम मुख्यमंत्री वाईएस परमार का योगदान रहा है, वहीं पर हिमाचल के विकास में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का अहम योगदान रहा है। उनके नाम पर कांग्रेस सदैव वोट मांगेगी। भाजपा की तरह कांग्रेस अपने पूर्वजों के योगदान को नजरअंदाज नहीं करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 68 में से बीस सीटों पर हुए इस चुनाव में कांग्रेस 12 सीटों पर आगे रही है। इसका सारा श्रेय कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को जाता है। जिन्होंने एकजुअता दिखाते हुए चुनाव में कार्य किया।
कुलदीप राठौर ने कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस की जीत से यह बात साबित हो गई है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जिनका यह गृह क्षेत्र है अपने ही घर में उनका लोगों से कितना जुड़ाव रहा है, यह देखने वाली बात है। कुलदीप राठौर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश भर में जनजागरण अभियान के तहत पदयात्राएं शुरू कर दी है। जिसमें कांग्रेस के नेता लोगों के बीच जाकर उन्हें प्रदेश व केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जागरूक किया जाएगा। वहीं पर जिन विधानसभा क्षेत्रों में पिछले कई सालों से कांग्रेस जीत नहीं पाई है। वहां पर वे स्वयं जाकर पार्टी संगठन और कार्यकर्ताओं की पीठ थपथपा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब 22 ऐसे चुनाव क्षेत्रों को चिन्हित करके वहां केलिए कांग्रेस पार्टी की ओर से अलग रणनीति तैयार की गई है। उन्होंने अब तक कसौली, कुटलैहड़, शाहपुर, झंड़ता विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करने के बाद शनिवार को बल्ह विधानसभा क्षेत्र में जनजागरण पदयोत्रा निकाली। वहीं पर रविवार को मनाली, इसके बाद लाहुल-स्पीति, सरकाघाट और भोरंज में भी इसी तरह की पदयात्राएं निकाली जाएगी।
कोविड से मरे लोगों के परिजनों को मिले चार लाख मुआवजा:
कुलदीप राठौर ने कहा कि वे मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर यह मांग करने जा रहे हैं कि कारोना काल में कोविड़ से मरने वालों के परिवारजनों को चार-चार लाख रूपए मुआवजा दें। जिसे केंद्र सरकार ने अदालत में हल्फनामा दायर कर मात्र पचास हजार रूपए करने की बात की है। जबकि इस राशि का 75 प्रतिशत हिस्सा केंद्र और 25 प्रतिशत राज्य सरकारों द्वारा वहन किया जाना है।
उन्होंने यह भी कहा कि कोराना से मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र पर मौत का कारण नहीं लिखा गया है। जिससे बाद में मृत्कों के परिवारजनों को मुआवजा राशि न देनी पड़े। उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी छुपाया जा रहा है। इस बारे में वे मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उनसे स्पष्टीकरण की मांग के साथ-साथ चार-चार लाख मुआवजे की मांग भी करेंगे।
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