हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मनीष ठाकुर ने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया है। उनके फेसबुक आईडी के माध्यम से लिखा गया कि ‘पिछले 25 सालों के राजनीतिक और सामाजिक संघर्ष के बावजूद आज मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं। जिस मकसद और सोच के साथ मैंने और मेरे हजारों साथियों ने इस संघर्ष में योगदान दिया है उस संघर्ष को बड़े नेताओं की राजनीतिक तानाशाही और संगठन के भीतर मौजूद चाटुकारों ने खोखला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।’
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उन्होंने आगे लिखा कि ‘आज संगठन में सिर्फ और सिर्फ खास नेताओं की पसंद के लोगों की फौज रह गई है। इसकी वजह से संगठन की ये दुर्गति हुई है।हम रास्ता बदल सकते है लेकिन हमारे हौसलें और संघर्ष उसी बुलंदी के साथ रहेंगे। मैं उन हजारों संघर्ष के साथियों को संघर्ष के सफर में योगदान देने के लिए दिल की गहराई से धन्यवाद करना चाहूंगा और उम्मीद करता हूं की आप सभी भी इस राजनीतिक तानाशाही और व्यवस्था परिवर्तन की लड़ाई में जरूर कदम से कदम मिलाकर अपना बहुमूल्य योगदान दे।’
ग़ौरतलब है कि इस साल के आखिर में प्रदेश में विधानसभा के चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस के नेताओं का पार्टी से अलग होना कई तरह के संदेश देता नज़र आ रहा है। माना जा रहा है कि ऐसे में कांग्रेस के इस कलह का कोई तीसरी विकल्प वाली पार्टी फायदा उठा सकती है।
एक अन्य साथी ने भी दिया इस्तीफा
इन्हीं के साथ एक ओर कांग्रेस के सदस्य ने पद छोड़ने का ऐलान किया है। गौरव चौहान ने कहा कि ‘आज अपने 14 वर्षो के राजनीतिक और सामाजिक व अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए संघर्ष के बावजूद आज मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे रहा हूं। जिस मकसद और सोच के साथ मैंने और मेरे साथियों ने इस संघर्ष में योगदान दिया है उस संघर्ष को बड़े नेताओं की राजनीतिक तानाशाही और संगठन के भीतर मौजूद चाटुकारों ने खोखला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।’