<p>21 सितंबर से नवरात्र आरंभ हो रहे हैं और भक्त जन देवी मां के स्वागत की तैयारियों में लगे हैं। नौ दिनों में जिस तरह देवी के नौ रूपों की पूजा होती है ठीक उसी प्रकार नौ देवियों को अलग अलग प्रसाद अर्पित किया जाता है। हर देवी को प्रसन्न करने के लिए लगाए गए विशिष्ट भोग से जहां सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है वहीं सुख और संपदा भी प्राप्त होती है।</p>
<p>आइए जानते हैं कि नौ देवियों को पूजा के दौरान क्या क्या भोग लगाएं:-</p>
<p><span style=”color:#ff0000″><strong>मां शैलपुत्री को पसंद है गाय का घी</strong></span></p>
<p>मां शैलपुत्री को सफेद और शुद्ध भोग्य खाद्य पदार्थ पसंद हैं। इसीलिए पहले नवरात्र को मां शैलपुत्री को प्रसन्न करने के लिए सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है। अगर घर परिवार को निरोगी जीवन और स्वस्थ शरीर चाहिए तो मां को गाय के शुद्ध घी से बनी सफेद चीजों का भोग लगाएं।</p>
<p><span style=”color:#ff0000″><strong>ब्रह्मचारिणी मां की पसंद है मिश्री जैसा मीठा</strong></span></p>
<p>नवरात्र के दूसरे दिन यानी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के दिन उन्हें मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाएं। मां को मिश्री जैसा शुद्ध मीठा पसंद है और इस भोग के अर्पण से प्रसन्न होकर मां साधक को लंबे और निरोगी जीवन का आशीर्वाद देती हैं।<br />
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<p><span style=”color:#ff0000″><strong>मां चंद्रघंटा को पसंद है दूध</strong></span></p>
<p>मां चंद्रघंटा को दूध और उससे बनी चीजें पसंद हैं। इसलिए पूजा के समय मां को दूध और दूध से बनी वस्तुओं का भोग लगाएं। इसमें खीर, रसगुल्ला और मेवे से बनी मिठायां भी शामिल हो सकती हैं। भोग लगाने के बाद यही चीजें प्रसाद के रूप में वितरित करें। प्रसन्न होकर मां लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का नाश करेंगी और सुख समृद्धि का घर में वास होगा।</p>
<p><span style=”color:#ff0000″><strong>मां कूष्मांडा को पसंद है मालपुआ</strong></span></p>
<p>मां कुष्मांडा को मालपुआ पसंद है। मां को शुद्ध देसी घी में बने मालपुए का भोग लगाएं और पूजा के बाद इसे प्रसाद के तौर पर किसी ब्राह्मण को दान कर दें। खुद भी खाएं और घरवालों को भी खिलाएं। प्रसन्न होकर मां घर और परिवार जनों की बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करती है। खासकर विद्यार्थियों को इस दिन पूजा से बहुत बड़ा फल मिलता है।</p>
<p><span style=”color:#ff0000″><strong>मां स्कंदमाता को पसंद है केला</strong></span></p>
<p>पंचमी तिथि की देवी मां स्कंदमाता को प्रसाद के रूप में केला पसंद है। इसीलिए इस दिन पूजा करके उनके सामने केले का भोग लगाएं। चाहें तो दूसरे फल भी अर्पित कर सकते हैं। इसके बाद प्रसाद को ब्राह्मण को दे देना चाहिए। मां प्रसन्न होकर घर भर की सेहत और धन धान्य में वृद्धि करती हैं।</p>
<p><span style=”color:#ff0000″><strong>मां कात्यायनी को पसंद है शहद</strong></span></p>
<p>षष्ठी तिथि की देवी मां कात्यायनी को भोग में शहद पसंद है। इस दिन शुद्ध शहद का भोग लगाकर देवी का पूजन करें। खुद भी किसी न किसी रूप में शहद का सेवन जरूर करें। मां प्रसन्न होकर भक्तों को सुंदर रूप और निरोगी काया का वरदान देती हैं।</p>
<p><span style=”color:#ff0000″><strong>मां कालरात्रि को पसंद है गुड़</strong></span></p>
<p>सप्तमी तिथि की देवी मां कालरात्रि को भोग में गुड़ के नैवेद्य अर्पित करें। पूजा के बाद गुड़ को ब्राह्मण को दान कर दें और गुड़ के बने प्रसाद को वितरित कर दें। इससे लंबे समय से चले आ रहे शोक मिट जाते हैं और खुशियां आती हैं।</p>
<p><strong><span style=”color:#ff0000″>मां महागौरी का भोग नारियल</span></strong></p>
<p>अष्टमी का दिन मां महागौरी की पूजा का दिन है। इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं। मां को नारियल का भोग लगाएं। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।</p>
<p><span style=”color:#ff0000″>मां दुर्गा को पसंद हैं हलवा पूरी</span></p>
<p>नौंवे दिन यानी महानवमी को हलवे, चने और पूरी का भोग लगाना चाहिए और कन्या पूजन के समय वही प्रसाद कन्याओं को वितरित करना चाहिए दुर्गा मां को हलवा पूरी का प्रसाद प्रिय है और नवमी को हुए परायण से साधक को हर तरह से सुख संपन्नता का वरदान मिलता है।</p>
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