हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिले के देहरा (परागपुर) में स्थित बाबा सिद्ध चानो साहेब जी। जिनको इस कलयुग में न्याय का देवता माना जाता है। बाबा का दरबार कलयुग में साक्षात भगवान का दरबार है। इस दरबार का भेद आज तक कोई नही जान सका। बाबा सिद्ध चानो मदिंर उत्तर भारत के लोगों की अटूट आस्था और न्याय के प्रतीक है। यहां के पुजारियों की माने तो जिसका कार्य नहीं बनता जो कोर्ट के झंझटो से मुक्त होना चाहता है या किसी पर बुरी शक्ति साया हो तो बाबा जी के दरबार में इन सब विकारों से मुक्ति मिलती है।
'बाबा सिद्ध चानो' की कहानी…
माना जाता है कि द्धापर युग मे राजा कंस ने भगवान श्री कृष्ण को मारने के लिए बाबा चाणुर और भगवान श्री कृष्ण के बीच मलयुद्ध करवाया था । 22 दिन तक चले इस युद्ध मे श्री कृष्ण चाणूर को हरा नहीं पा रहे थे। आखिरकार श्रीकृष्ण को भगवान शिव की आराधना करनी पड़ी और बाबा चाणुर की पत्नी से मनमोहक छलिए का रुप धारण कर बाबा की शक्ति का रहस्य जान कर उनको हराया था।
इस मंदिर में ये आस्था है की जो कोई भी यहां मुर्गा चढ़ाता है बाबा जी उसकी मनोकामना पूरी करते है। बाबा चानो सिद्ध के दरवार से आज तक खाली हाथ नही लौटा है। वैसे तो इन मंदिरों में हर दिन ही भक्तों का तांता लगा रहता है लेकिन मंगलवार और शनिवार के दिन यहां आने वाले भक्तों की संख्या कई गुणा बढ़ जाती है।
आप भी कभी धार्मिक शर्द्धा भाव से नैना देवी, मां चिन्तपुर्णी, मां ज्वालाजी, हेरिटेज गांव गरली-प्रागपुर, बाबा वालक नाथ घूमने का मन बनाऐं तो बाबा चानो सिद्ध की उदार महिमा और आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें।