<p>ऐतिहासिक शिव मंदिर बैजनाथ में बैकुंठ चौदस पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस बार मंदिर में 50 हजार अखरोटों की बारिश हुई। मंदिर के पुजारी ने बुधवार शाम को मंदिर में माता पीतांबरी की मूर्ति की पूजा के बाद मंदिर के ऊपर चढ़कर अखरोट रूपी प्रसाद बांटा गया। इस दौरान सैकड़ों भक्तों ने मंदिर में आकर प्रसाद ग्रहण किया।</p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>क्यों मनाया जाता है ये पर्व</strong></span></p>
<p>मंदिर में यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि राक्षस संखासुर ने इंदिरावती राज्य पर आक्रमण कर उसे अपने कब्जे में ले लिया तथा देवताओं को पराजित किया। सभी देवताओं ने भगवान विष्णु के पास जाकर उनसे राक्षस के नरसंहार से बचने की प्रार्थना की। इसके बाद भगवान विष्णु ने 6 माह बाद शैय्या से जागने के बाद राक्षस संखासुर का वध किया। मान्यता है कि इस दिन के बाद से सभी धार्मिक कामों की शुरूआत होती है। इस पर्व को लेकर पिछले कुछ वर्षों से बैजनाथ वासी और भक्त बड़ी आस्था से मंदिर में आते हैं और अखरोट रूपी प्रसाद ग्रहण करते हैं। <br />
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