शारदीय नवरात्रि का आज (सोमवार) पहला दिन है. 26 सितंबर से नवरात्र की शुरुआत हो गई है. इस दिन से नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ शक्ति रूपों की पूजा की जाएगी. मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. नवरात्र के पहले दिन देवी के नाम से कलश की स्थापना की जाती है. नौ दिन तक भक्त दुर्गा जी के अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं.
आपको बता दें कि पहले दिन देवी शैलपुत्री स्वरूप की उपासना की जाती है. नवरात्रि में मां शैलपुत्री की पूजी करने से जीवन के समस्त संकट, क्लेश और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है.
पान के एक पत्ते पर लौंग सुपारी मिश्री रखकर मां शैलपुत्री को अर्पण करने से जीवन की हर इच्छा पूर्ण हो सकती है. नवरात्रि के प्रथम दिन उपासना में साधक अपने मन को मूलाधार चक्र में स्थित करते है. शैलपुत्री की पूजा से मूलाधार चक्र जागृत होता है. और अनेक सिद्धियों की प्राप्ति
नवरात्रि में कलश स्थापना के दौरान बोए गए जौ दो-तीन दिन में ही अंकुरित हो जाते हैं. वहीं, यदि आपका बोया हुआ जौ सफेद या हरे रंग में उग रहा है, तो ये बहुत ही शुभ माना जाता है. इसका मतलब ये होता है कि आपके द्वारा की गई पूजा सफल हो गई.आने वाला पूरा साल आपके लिए खुशियों से भरा होगा.
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि सोमवार, 26 सितंबर को सुबह 03 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ होगी और मंगलवार, 27 सितंबर को सुबह 03 बजकर 08 मिनट पर इसका समापन होगा. शारदीय नवरात्रि में देवी की पूजा से पहले 26 सितंबर को घटस्थापना होगी.
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