शिमला के कुमारसैन में ऐतिहासिक चार साला जातरा मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले में चारो देवता कोटेश्वर महादेव, बूढ़ा देवता, मरेच्छ देवता और मलेंडू देवता रथ शृंगार सहित लोगों को दर्शन दें रहे है.
स्थानीय देवठुओं की माने तो 70 वर्षों के बाद जोगेश्वर महादेव दलाश आनी जातरा मेले में शामिल हुए. इस भव्य मेले मेंकुमारसैन का वास्तविक नाम कुम्हारसेन है. कुम्हार शब्द का जन्म संस्कृत भाषा के शब्द ‘कुंभकार’ से हुआ है, जिसका अर्थ है मिट्टी के बरतन बनाने वाला, कुम्हारो के अस्तित्व के कारण इस स्थान का नाम कुम्हारसेन रखा गया होगा.
जोकि आज कुमारसैन के नाम से विख्यात है. प्राचीन कुम्हारसेन रियासत वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला का एक उपमंडल है.पुनर्सीमांकन से पहले यह कुमारसैन विधानसभा क्षेत्र के रूप में भी प्रसिद्ध रहा.
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