अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव शुरू होने के साथ ही कुल्लू में रौनक लग गई है। सुबह से ही देवी-देवताओं का आना शुरू हो गया है। भगवान रघुनाथ के दरबार में बारी-बारी शीश नवाने पहुंचे रहे हैं।
कुल्लू में आनी, बंजार, निरमंड, मणिकर्ण घाटी, सैंज घाटी सहित उझी घाटी के देवी-देवता अपने लाव लश्कर के साथ भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी भर रहे हैं। इसके साथ ही राज घराने की देवी हिडिम्बा भी भगवान रघुनाथ के दरबार पहुंच गई हैं। जहां से माता रघुनाथ के साथ ढालपुर स्थित प्रदर्शनी मैदान में पहुंचेगी और करीब 4 बजे शाम को रथयात्रा का निकलते ही कुल्लू का दशहरा शुरू होगा।
फिलहाल, दशहरा उत्सव के लिए तमाम तैयारियां पूरी कर दी गई हैं। देवी-देवताओं का आना जारी है। भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के लिए भी तैयारी जोरों पर चल रही है और रघुनाथपुर से करीब 3 बजे भगवान रघुनाथ पालकी में सवार होकर ढालपुर के रथ मैदान पहुंचेंगे। यहां से अस्थाई शिविर तक रथ यात्रा निकाली जाएगी और इस रथ यात्रा के साथ ही सात दिवसीय कुल्लू दशहरे का आगाज होगा।