आज लोहड़ी है. लोहड़ी मनाने के लिए शुभ मुहूर्त शाम 07:34 बजे से शुरू होगा. शुभ मुहुर्त में खुले स्थान पर लकड़ी, सूखे उपलों का ढेर लगाकर आग जलाएं. उसे अर्ध्य दें, उसमें रेवड़ी, सूखे मेवे, मूंगफली, गजक, नारियल अर्पित करें. फिर इस पवित्र अग्नि की 7 परिक्रमा करें. परिक्रमा करते हुए इसमें रेवड़ी, मूंगफली, तिल आदि अर्पित करते जाएं.
बालियों, तिल से बनी रेवड़ियों और मूंगफली को अर्पित करते हैं. इसके बाद परिवार और आसपास के लोग मिलकर आग के चारों ओर परिक्रमा करते हैं और गिद्दा-भांगड़ा करके इस दिन को मनाते हैं.
पंजाब में लोहड़ी को तिलोड़ी भी कहा जाता है. ये शब्द तिल और रोड़ी से मिलकर बना है. रोड़ी, गुड़ और रोटी से मिलकर बना पकवान है. लोहड़ी के दिन तिल और गुड़ खाने और आपस में बांटने की परंपरा है.
इस दिन का संबंध मन्नत से भी जोड़ा गया है. जिस घर में नई बहू आई होती है या घर में संतान का जन्म हुआ होता है, तो उस परिवार की ओर से खुशी बांटते हुए लोहड़ी मनाई जाती है. सगे-संबंधी और रिश्तेदार उन्हें आज के दिन विशेष सौगात के साथ बधाइयां भी देते हैं. गोबर के उपलों की माला बनाकर मन्नत पूरी होने की खुशी में लोहड़ी के समय जलती हुई अग्नि में उन्हें भेंट किया जाता है. इसे चर्खा चढ़ाना कहते हैं.
ये त्योहार दुल्ला भट्टी और माता सती की कहानी से जुड़ा है. मान्यता है इस दिन ही प्रजापति दक्ष के यज्ञ में माता सती ने आत्मदाह किया था. इसके साथ ही इस दिन लोक नायक दुल्ला भट्टी, जिन्होंने मुगलों के आतंक से सिख युवतियों की लाज बचाई थी. उनकी याद में आज भी लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है.
हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के घाटे में चल रहे 9 और…
Himachal Govt ₹64 Crore Payment: दिल्ली स्थित हिमाचल भवन की कुर्की से बचाने के लिए…
Himachal Congress Reorganization: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस संगठन को पुनर्गठित करने की प्रक्रिया शुरू हो…
Hardoi road accident: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के मल्लावां कोतवाली क्षेत्र में सोमवार तड़के…
Post-Monsoon Drought Himachal: हिमाचल प्रदेश में पिछले दो महीनों से बारिश न होने के…
Daily Horoscope November 25: सोमवार का दिन कई राशियों के लिए महत्वपूर्ण बदलाव और नई…