- आज रवि योग में शनिवार व्रत है, यह योग पूरे दिन रहेगा
- फाल्गुन शुक्ल नवमी तिथि, आर्द्रा नक्षत्र और आयुष्मान योग का विशेष संयोग
- शनिदेव की पूजा और दान से साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है
शनिवार का दिन कर्मफलदाता शनि देव की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। आज रवि योग में शनिवार व्रत करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि:
प्रातः स्नान के बाद व्रत और पूजन का संकल्प लें।
शनि मंदिर जाकर नीले फूल, शमी के पत्ते, सरसों का तेल, धूप-दीप अर्पित करें।
शनि चालीसा और शनि स्तोत्र का पाठ करें।
छाया दान करें – एक कटोरे में सरसों या तिल का तेल लें, उसमें अपनी छाया देखें और फिर दान करें।
शनिवार व्रत कथा पढ़ें और शनि देव की आरती करें।
शनि दोष निवारण हेतु कंबल, काला छाता, जूते, स्टील के बर्तन, सरसों का तेल आदि का दान करें।
विशेष ध्यान दें: शनि देव की आंखों में देखने से बचें, उनकी दृष्टि वक्र मानी जाती है।
आज का पंचांग
तिथि: नवमी (सुबह 08:16 AM तक), फिर दशमी
नक्षत्र: आर्द्रा (रात 11:28 PM तक), फिर पुनर्वसु
योग: आयुष्मान (शाम 04:24 PM तक), फिर सौभाग्य
चंद्रमा: मिथुन राशि में
दिशाशूल: पूर्व
सूर्योदय-सूर्यास्त & चंद्रोदय-चंद्रास्त
- सूर्योदय: 06:39 AM
- सूर्यास्त: 06:25 PM
- चंद्रोदय: 12:45 AM (9 मार्च)
- चंद्रास्त: 03:34 AM (9 मार्च)
शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: 05:01 AM – 05:50 AM
- अभिजीत मुहूर्त: 12:08 PM – 12:56 PM
- विजय मुहूर्त: 02:30 PM – 03:17 PM
- अमृत काल: 01:30 PM – 03:05 PM
- रवि योग: पूरे दिन
शुभ चौघड़िया मुहूर्त
दिन के शुभ चौघड़िया:
- शुभ (उत्तम): 08:07 AM – 09:35 AM
- चर (सामान्य): 12:32 PM – 02:00 PM
- लाभ (उन्नति): 02:00 PM – 03:29 PM
- अमृत (सर्वोत्तम): 03:29 PM – 04:57 PM
रात के शुभ चौघड़िया:
- लाभ (उन्नति): 06:25 PM – 07:57 PM
- शुभ (उत्तम): 09:28 PM – 11:00 PM
- अमृत (सर्वोत्तम): 11:00 PM – 12:31 AM (9 मार्च)
अशुभ समय (राहुकाल, यमगंड, दिशाशूल)
- राहुकाल: 09:35 AM – 11:04 AM
- गुलिक काल: 06:39 AM – 08:07 AM
- यमगंड: 02:00 PM – 03:29 PM
- दिशाशूल: पूर्व दिशा