धर्म/अध्यात्म

विपरीत राजयोग: रोग और शत्रुओं से मुक्ति का उपाय, जानें कैसे

Vipreet Rajyoga Benefits: जन्म कुंडली में छठे भाव का स्वामी यदि बारहवें भाव में स्थित हो, तो यह विशेष प्रकार के विपरीत राजयोग का निर्माण करता है। यह योग जातक को विशेष रूप से धनवान और सफल बनाता है, बशर्ते कि लग्नेश कुंडली में बलवान हो। इस योग का प्रभाव जातक के जीवन में अनेक लाभकारी परिणाम लाता है।

ऐसे जातक जीवनभर रोग और शत्रुओं से मुक्ति का अनुभव करते हैं। यदि जातक अपने भीतर के शत्रुओं को परास्त करना चाहता है, तो वह आध्यात्मिक साधना और प्राणायाम के माध्यम से ऐसा कर सकता है। बाहरी शत्रुओं से विजय पाने के लिए आंतरिक शांति एक प्रभावशाली साधन है।

ध्यान और प्राणायाम का नियमित अभ्यास जातक को मानसिक और शारीरिक बल प्रदान करता है। यह अभ्यास उसे अपराजेय बनाता है और शत्रु स्वतः ही पराजित हो जाते हैं। इस योग के प्रभाव से जातक का जीवन शांतिपूर्ण और समृद्ध रहता है।

Akhilesh Mahajan

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