<p>शिमला का ऐतिहासिक जाखू मल स्थित हनुमान मंदिर विश्व विख्यात मंदिर है जहां पर देश-विदेश से हज़ारो श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। माना जाता है कि लंका में राम-रावण संग्राम के दौरान मेघनाथ के बाण से लक्ष्मण के मूर्छित हो गए। उनके इलाज को संजीवनी बूटी लेने के लिए हिमालय की ओर आकाश मार्ग से जाते हुए हनुमान जी की नजर यहां तपस्या कर रहे यक्ष ऋषि पर पड़ी।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(1301).jpeg” style=”height:340px; width:650px” /></p>
<p><strong><span style=”color:#c0392b”>यक्ष ऋषि के नाम से पड़ा जाखू मंदिर का नाम</span></strong></p>
<p>ऐसा बताया जाता है कि यक्ष ऋषि के नाम पर ही यक्ष से याक, याक से याकू, याकू से जाखू तक बदलता गया और इस मंदिर का नाम जाखू पड़ गया। हनुमान जी विश्राम करने और संजीवनी बूटी का परिचय प्राप्त करने के लिए जाखू पर्वत के जिस स्थान पर उतरे, उस जगह पर आज भी उनके पद चिह्नों को संगमरमर में बनवा कर रखा गया है। ये भी कहा जाता है कि जाखू पर्वत की ऊँचाई बहुत ज्यादा थी लेकिन हनुमान के यहां पर उतरने के बाद ये पर्वत काफी नीचे धंस गया।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(1302).jpeg” style=”height:400px; width:600px” /></p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>इस स्थान पर हनुमान जी की स्वयंभू मूर्ति हुई प्रकट </strong></span></p>
<p>यक्ष ऋषि से संजीवनी बूटी का परिचय लेने के बाद वापस जाते हुए पवनपुत्र ने मिलकर जाने का वचन यक्ष ऋषि को दिया और द्रोण पर्वत की तरफ निकल गए। लेकिन मार्ग में कालनेमि नामक राक्षस के कुचक्र में फंसने के कारण समय के अभाव में हनुमान जी छोटे मार्ग से अयोध्या होते हुए लंका लौट गए। जब वह वापस नहीं लौटे तो यक्ष ऋषि व्याकुल हो गए। हनुमान जी ने उन्हें दर्शन दिए, उसी दौरान इस स्थान पर हनुमान जी की स्वयंभू मूर्ति प्रकट हुई। जिसे लेकर यक्ष ऋषि ने यहीं पर हनुमान जी का मंदिर बनवाया। आज यह मूर्ति मंदिर में स्थापित है और दूर-दूर से लोग उनके दर्शन को आते हैं।</p>
<p><img src=”/media/gallery/images/image(1303).jpeg” style=”height:400px; width:658px” /></p>
<p><span style=”color:#c0392b”><strong>जाखू मंदिर के प्रांगण में है हनुमान जी की 108 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा </strong></span></p>
<p>जाखू मंदिर में आने वाले भक्‍तों का कहना है कि उन्हें यहां आकर सुकून मिलता है और उनकी मुरादें भी पूरी होती है। यहां जो लोग भी सच्चे मन से आते हैं वह खाली नही लौटते है। अब तो जाखू मंदिर के प्रांगण में ही अब हनुमान जी की 108 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा भी स्थापित की गई है, जो शिमला व दूर दूर से देखी जा सकती है। जाखू मंदिर जाने के लिए पैदल सड़क मार्ग के अलावा रोपवे का भी सहारा लिया जा सकता है।</p>
<p> </p>
Himachal disaster relief funds: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दिल्ली में केंद्रीय…
Viral Video Sparks Outrage in Himachal: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में मुस्लिम समुदाय और…
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आज आपका दिन सामान्य रहेगा।…
Fatal Accident in Rohru Chidgaon: शिमला जिले के रोहड़ू-चिड़गांव क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसे…
एचपीयू चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) शुरू करने की तैयारी में है। यह…
Ashish Chaudhary marriage with Imunagambi: अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज सुंदरनगर के आशीष चौधरी ने मणिपुर की इमुनागांबी…