हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि का विशेष महत्व है. ये पूरे नौ दिन तक मनाई जाती है. ये नवरात्रि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरु होता है और मां दूर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. अब ऐसे में इस साल चैत्र नवरात्रि पंचक के दौरान शुरु हो रही है.
आपको बता दें 19 मार्च को पंचक लग रहा है और इसकी समाप्ति दिनांक 23 मार्च को है. चैत्र नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर पंचक का कोई अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा. आप बिना किसी चिंता के मां दूर्गा की पूजा कर सकते हैं. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि पंचक में कलश की स्थापना कब करें और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है.
चैत्र नवरात्रि पर कलश की स्थापना इस मुहूर्त में करें
दिनांक 22 मार्च दिन बुधवार तो सुबह 06 बजकर 23 मिनट से लेकर 07 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.
मां दूर्गा के नवस्वरूपों की करें पूजा, नवरात्रि के दिन मां दूर्गा के नौ स्वरूपों की अलग-अलग दिन पूजा की जाती है.
1. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है.
2. नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है.
3. नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है.
4. नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है.
5. नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है.
6. नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है.
7. नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है.
8. नवरात्रि के आठवे दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है.
9.नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिरात्रि की पूजा की जाती है.
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