मार्गशीर्ष महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशई तिथि के पहले महीने प्रदोष व्रत रखा जाएगा. मार्गशीर्ष महीने के इस प्रदोष ब्रत को बहुत शुभ माना जाता है और यह व्रत सोमवार को पड़ रहा है. इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहेंगे प्रदोष व्रत सोमवार दोनों ही दिन भगवान शिव को समर्पित हैं. ऐसा कहा जाता है कि सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा से सारे संकट सारे दुख मिट जाते हैं.
आपको बता दें कि हिंदु धर्म में हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि सोमवार 21 नवंबर को सुबह 10 बजकर 07 मिनट से लेकर मंगवार 22 नवंबर को सुबह 08 बजकर 49 मिनट तक रहेगी. ऐसे में मार्गशीर्ष का पहला प्रदोष व्रत सोमवार 21 नवंबर को रखा जाएगा. इस दिन शाम 05 बजकर 34 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 14 मिनट तक भगवान शिव की पूजा का उत्तम मुहूर्त है.
सोम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है. सोम प्रदोष व्रत की पूजा में शिव-पार्वती के श्रृंगार की सामग्री, गाय का कच्चा दूध पुष्प, पांच तरह के फल, पांच तरह की मेवा, पांच प्रकार की मिठाई, कपूर, धूप, बेलपत्र, इत्र, देशी घी, शहद, दीप, रूई, गंगा जल, धतूरा, भांग, बेर और चंदन का प्रयोग किया जाता है.
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