2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है। नवरात्रि के दौरान मां के 9 रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां के द्वितीय स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा- अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को अपने कार्य में सदैव विजय प्राप्त होता है। मां ब्रह्मचारिणी दुष्टों को सन्मार्ग दिखाने वाली हैं। माता की भक्ति से व्यक्ति में तप की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य जैसे गुणों में वृद्धि होती है। माना जाता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से ज्ञान की प्राप्ति और बुद्धि का विकास होता है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है, उनके लिए मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अत्यंत शुभ फलदायी साबित होती है।
ये रहेगी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि-
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें उसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। मां को दूध, दहीं, घृत, मधू और शक्कर से स्नान कराएं और पूजा स्थल पर उनको विराजें। इसके पश्चात मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान लगाकर उनकी पूजा करें। देवी मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल और कमल का फूल बेहद पसंद है और इसलिए इनकी पूजा के दौरान इन्हीं फूलों को देवी मां के चरणों में अर्पित करें।
मां को भोग में चीनी, मिश्री और पंचामृत का भोग लगाएं। मां ब्रह्मचारिणी को दूध और दूध से बने व्यंजन अति प्रिय होते हैं। इसलिए आप उन्हें दूध से बने व्यंजनों का भोग लगा सकते हैं। इस भोग से देवी ब्रह्मचारिणी प्रसन्न हो जाएंगी। इन्हीं चीजों का दान करने से लंबी आयु का सौभाग्य भी पाया जा सकता है। इस दिन सफेद वस्त्र धारण करके पूजा करनी चाहिए। माता के मंत्रों के साथ उनकी पूजा और उसके बाद इन मंत्रों का जाप करें। माता को चांदी की वस्तुएं भी समर्पित कर सकते हैं।