Follow Us:

भरमौर के इस मंदिर में होता है कर्मों का लेखा-जोखा!

समाचार फर्स्ट डेस्क |

चंबा जिला के भरमौर में स्थित है हिमाचल जिले का इकलौता यम मंदिर। कहते हैं कि इस मंदिर में यम मंदिर में व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों का फैसला होता है। यम देवता को समर्पित यह मंदिर देखने में एक घर की तरह दिखाई देता है। इस मंदिर में एक खाली कक्ष भी है, जिसे चित्रगुप्त का कक्ष कहा जाता है। चित्रगुप्त को यमराज का सचिव माना जाता, जो जीवात्मा के कर्मों का लेखा-जोखा रखता हैं।

मान्यता है कि जब किसी भी प्राणी की मृत्यु होती है तो यमराज के दूत उसकी आत्मा को पकड़कर सबसे पहले इस मंदिर में चित्रगुप्त के सामने प्रस्तुत करते हैं। चित्रगुप्त जीवात्मा को उनके कर्मों का पूरा ब्योरा देते हैं। इसके बाद चित्रगुप्त के सामने के कक्ष में आत्मा को ले जाया जाता है। इस कमरे को यमराज की कचहरी कहा जाता है। यहां पर यमराज कर्मों के अनुसार आत्मा को अपना फैसला सुनाते हैं।

कहा जाता है कि इस मंदिर में चार अदृश्य द्वार हैं जो स्वर्ण, रजत, तांबा और लोहे के बने हैं। यमराज का फैसला आने के बाद यमदूत आत्मा को कर्मों के अनुसार इन्हीं द्वारों से स्वर्ग या नर्क में ले जाते हैं।