बैंकॉक में झंडे गाड़ने वाली एथलीट सीमा और कबड्डी खिलाड़ी डिंपल ने अपने मेहनत के दम पर खेलो इंडिया स्कॉलरशिप हासिल की है। इस स्कॉलरशिप के तहत उन्हें अगले 8 साल तक हर साल 5-5 लाख रुपये मिलेंगे। यानी 8 साल तक इन दोनो खिलाड़ियों को 40-40 लाख रुपये स्कॉलरशिप के अंडर दिए जाएंगे। यह पैसा दोनों खिलाड़ियों की खेल हुनर का तराशने एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं में खर्च किए जाएंगे।
जानकारी के मुताबिक, मार्च माह में हुई पहली खेलो इंड़िया राष्ट्रीय स्कूली प्रतियोगिता के बाद कबड्डी खिलाड़ी डिंपल का नाम स्कॉलरशिप के लिए नामित हो गया था। लेकिन खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों की असल आयु का पता लगाने को लेकर इस योजना के संशोधन करते हुए टीडब्ल्यू-3 टेस्ट निर्धारित किया था। जून माह में हुए टीडब्ल्यू-3 टेस्ट के बाद अब मंत्रालय ने इन दोनों खिलाड़ियों की सूची जारी की है। दोनों खिलाड़ियों को अंडर-17 आयु वर्ग में इस स्कॉलरशिप लगी है। दोनों खिलाड़ियों को चयन फरवरी माह में दिल्ली में हुई पहली खेलो इंड़िया खेलों और पुराने खेल प्रदर्शन के आधार पर हुआ है।
क्या है करियर बैकअप
एथलीट सीमा चंबा की रहने वाली हैं और वे साईं हॉस्टल में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है। उन्होंने हाल ही में 3000 मीटर दौड़ की धाविका सीमा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक कांस्य और एक रजत पदक हासिल किया। साथ ही उनके पास राष्ट्रीय स्तर के करीब 15 मेडल और 3 राष्ट्रीय रिकार्ड हैं। गरीब परिवार से संबंध रखने वाली सीमा 18 अक्टूबर से अर्जेंटिना में होने वाली यूथ ओलंपिक बेनिक ऐयरस-2018 की तीन हजार मीटर दौड़ में सीमा देश का प्रतिनिधित्व करेगी। वहीं, जिला शिमला के चौपाल से संबंध रखने वाली डिंपल की 2015 एंट्री हुई थी। साई टीम की कवर खिलाड़ी डिंपल के नाम राष्ट्रीय स्तर पर दो गोल्ड और दो सिल्वर मेडल है। खेलो इंड़िया में डिंपल ने रजत पदक जीता है।
क्या होता है टीडब्ल्यू-3 टेस्ट?
टीडब्ल्यू-3 खिलाड़ी से सटीक आयु का पता लगाने के लिए होता है। इस टेस्ट में खिलाड़ी के बाजू की हड्डी का टेस्ट किया जाता है। इससे खिलाड़ी की आयु का सही पता लग जाता है। भारत में सबसे पहले क्रिकेट में सही आयु जानने के लिए टीडब्ल्यू-3 मेडिकल टेस्ट का प्रयोग किया जाता था। अब यह सभी खेलों के लिए अनिवार्य कर दिया है।