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FIFA World Cup final- कौन बनेगा वर्ल्ड चैंपियन! रविवार की रात को होगा फैसला

समाचार फर्स्ट डेस्क |

फीफा वर्ल्ड कप में अब चैंपियन के फैसले का वक्त आ गया है। रविवार को मॉस्को में यह तय हो जीएगा कि फ्रांस की टीम दूसरी बार यह खिताब हासिल करेगी या क्रोएशिया के रूप दुनिया को एक नई चैंपियन टीम मिलेगी। हालांकि चार हफ्ते पहले टूर्नामेंट के शुरू होने के समय इस फाइनल की कल्पना शायद ही किसी ने की हो। लेकिन जो भी है यह विश्व कप का फाइनल है और फ्रांस के पास 1998 के बाद दूसरा खिताब जीतकर अर्जेंटीना और उरूग्वे के साथ शामिल होने का मौका है।

फ्रांसीसी टीम जहां तीसरी बार टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने के अपने अनुभव का फायदा उठाएगी तो वहीं क्रोएशिया पहली बार फाइनल में पहुंचने से अपने ऊंचे आत्मविश्वास और क्षमता की बदौलत ‘गोल्डन ट्रॉफी’ तक पहुंचने की कोशिश करेगा। रूस में आयोजित हुए फुटबाल विश्वकप का यह आखिरी मुकाबला होगा जिसके लिए दुनियाभर में खासा उत्साह है, इसी के साथ 21वां विश्वकप अपने नए चैंपियन के साथ इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा।  

                                

वहीं क्रोएशिया ने अपने सभी तीनों ग्रुप मैच जीते हैं। उसने अर्जेंटीना को हराने के बाद डेनमार्क और रूस को पेनल्टी में पराजित किया। इसके बाद सेमीफाइनल में इंग्लैंड को सेमीफाइनल में अतिरिक्त समय में मात दी। ज्लाटको डॉलिच की टीम के लिये यह सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा है और अब टीम एक बार फिर खुद को प्रेरित करते हुए अंतिम प्रयास में खुद को साबित करना चाहेगी।

क्यों खास है यह फाइनल

80 हजार दर्शक क्षमता वाले लुजनिकी स्टेडियम में होने वाले विश्वकप फाइनल में फ्रांस और क्रोएशिया दोनों ही खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में उतरेंगी। लियोनल मेसी, क्रिस्टियानो रोनाल्डो और नेमार जैसे स्टार फुटबॉलर स्वदेश लौट चुके हैं, इसी तरह इंटरनेशनल मैचों में पारंपरिक रूप से ताकतवर टीमें जर्मनी, ब्राजील और अर्जेंटीना भी बाहर हो चुकी हैं.
फ्रांस की टीम टूर्नामेंट की दूसरी सबसे युवा टीम है, जिसमें तेज तर्रार एमबाप्पे की मौजूदगी उसके लिए जोरदार रही है। वहीं क्रोएशियाई टीम भी लुका मोड्रिच से प्रेरित है जो, इस समय दुनिया के सबसे बेहतरीन मिडफील्डर्स में शुमार हैं।

हालांकि कुछ  फैंस इस बात से निराश होंगे कि फाइनल दो ताकतवर टीमों के बीच नहीं हो रहा या इसमें कोई लैटिन अमेरिकी टीम मौजूद नहीं है। क्योंकि ऐसा स्पेन के 2010 में नेदरलैंड्स को मात देकर खिताब जीतने के बाद दूसरी बार हो रहा है। जब ब्राजील, जर्मनी, इटली या अर्जेंटीना जैसी धुरंधर टीमों ने फाइनल में जगह नहीं बनाई है।