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धर्मशाला पहुंचे पूर्व क्रिकेटर सैयद किरमानी, 1983 वर्ल्ड कप का अनुभव किया साझा

हमें खुद पता नहीं चला कैसे विश्व कप जीते। 1983 में भारत की टीम सबसे कमजोर टीम थी। टीम के कई लोग विश्वकप के नाम पर केवल मज़े करने आए थे…

मृत्युंजय पुरी |

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकट कीपर सैयद किरमानी धर्मशाला में एक निजी कैप के उद्घटान को पहुंचे है। उद्घटान के बाद पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि धर्मशाला आकर बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। यहां के लोग खुशकिस्मत हैं यहां दलाई लामा निवास करते हैं। इसके अलावा सबसे खूबसूरत क्रिकेट स्टेडियम भी है। वह चाहते हैं कि दलाई लामा से उनकी मुलाकात ही सके।

विश्वकप पर बनी फिल्म को लेकर सैयद किरमानी ने कहा कि फ़िल्म में मेरे और कपिल देव के बीच हुए कई संवादों को काट दिया है। उन्होंने विश्वकप को याद करते हुए कहा कि हमें खुद पता नहीं चला कैसे विश्व कप जीते। 1983 में भारत की टीम सबसे कमजोर टीम थी। टीम के कई लोग विश्वकप के नाम पर केवल मज़े करने आए थे। कुछ सदस्य हनीमून तो कुछ मज़े करने जा रहे थे। लेकिन हमने कर दिखाया था।

जिम्मवॉबे के खिलाफ हमारा मैच बहुत अच्छा हुआ था। स्थिति ये थी कि हम दोनों टीमों को विश्वकप की सबसे कमजोर टीम मानकर कई लोगों ने कवर ही नहीं किया। फाइनल मैच में कपिल देव के साथ 126 रनों की साझेदारी हुई। अगर वे साझेदारी न होती तो हम और देश मैच जीतने की सोच भी नहीं सकता था। मैच में कपिल देव ने हो पारी खेली थी। आज तक कपिल देव जैसी पारी किसी ने नहीं खेली।

वहीं, आज के क्रिकेट पर उन्होंने कहा कि अब क्रिकेट बदल गया है। आईपीएल से मनोरंजन हो रहा है और होनहार खिलाड़ी भी निकल रहे हैं। हर मैच में नया फिनिशर आ रहा है। उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि पहले देश का नाम लेकर खेलें फिर पैसा खुद आएगा। हर कोई सपना रखता है पर बन नहीं पाता। इसमें भगवान का भी रोल होता है, पर रुको नहीं जमे रहो मेहनत करते रहो।