प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में खेल नीति को मंजूरी दे दी है। इसी कड़ी में आज खेल मंत्री राकेश पठानिया ने धर्मशाला में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और खेल नीति के फायदे बताए। उन्होंने कहा कि नई खेल नीति के अनुसार यदि कोई खिलाड़ी ओलिंपिक, शीत ओलिंपिक, पैरालंपिक खेलों में गोल्ड जीतेगा तो उसे तीन करोड़ रुपये, सिल्वर मेडल पर दो करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को एक करोड़ रुपये मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि नई खेल नीति में खेल संघों को मजबूत करने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। एक खेल के लिए एक ही संघ बनाने का इसमें सबसे बड़ा प्रावधान है। निष्क्रिय हुए खेल संघों की मान्यता रद्द करने का भी इसमें व्यवस्था है। इसके साथ ही ओलिंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ खेलों के पदक विजेता को पेंशन दी जाएगी। इसी के साथ अर्जुन अवार्ड, ध्यानचंद अवार्ड और राजीव गांधी खेल रत्न प्राप्त अवॉर्डियों को भी पेंशन मिलेगी और गांवों से शहरों तक नए स्टेडियम बनाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि स्पोर्ट्स ट्रेनिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए 58 करोड़ का प्रस्ताव है। खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी में तीन फीसदी आरक्षण देने और एथलीट को घायल होने पर एक लाख का बीमा कवर देने का प्रावधान भी किया गया है। स्कूलों में फिजिकल एजुकेशन और खेलों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की व्यवस्था है। राष्ट्रीय, राज्य, जिला और उपमंडल स्तर के एथलीटों को स्कूल-कॉलेजों की हाजिरी में भी विशेष छूट दी जाएगी। खेल नीति 2020 में प्रदेश में स्पोर्ट्स म्यूजियम और लाइब्रेरी भी बनाई जाएगी।
भाषा और संस्कृति और पर्यटन विभाग के साथ मिलकर स्पोर्ट्स म्यूजियम बनाया जाएगा इसमें खेल गतिविधियों से जुड़े प्रदेश के इतिहास, बेहतरीन खिलाड़ियों की जानकारी मुहैया करवाई जाएगी। स्पोर्ट्स लाइब्रेरी में खेल से जुड़ी अलग-अलग तरह की लिखित सामग्री और ओलंपिक स्पोर्ट्स की किताबें उपलब्ध करवाई जाएंगी।
राकेश पठानिया ने कहा कि नई खेल नीति में एक ही संघ बनाने के अतिरिक्त डाइट मनी दोगुना करना, खिलाड़ियों को रोजगार के लिए पात्र बनाना, नए पुरस्कार शुरू करना और पदक विजेताओं को पेंशन जैसे प्रविधान निरूसंदेह खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने कहा कि खेल संघों को नेताओं और वर्षों से अध्यक्ष पद की कुर्सी पर कब्जा जमाए बैठे लोगों से छुटकारा मिलेगा और पूर्व खिलाड़ी को ही अध्यक्ष पद सौंपा जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की प्रतिभाओं का भविष्य संवरेगा और आने वाले समय में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पहाड़ी राज्य के खिलाड़ी ज्यादा से ज्यादा नजर आएंगे। नई खेल नीति में जिस बात पर अधिक जोर दिया गया है वह है ग्रामीण प्रतिभाओं की पहचान करना। उन्होंने कहा खेल नीति में सभी विभागों को जोड़ा गया है।