अपने मांगों को लेकर किसानों की देशव्यापी हड़ताल का असर हिमाचल में देखने को मिला। गुरुवार को शिमला में किसान सभा के बैनर तले सैकड़ों किसानों ने प्रदर्शन कर धारा-144 का उल्लंघन किया और अपनी ग़िरफ्तारियां दी। किसानों की मांग है कि स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों को जल्द लागू किया जाए।
याद रहे कि इससे पहले किसानों ने जून माह में प्रदर्शन किया था और 1 जून से लेकर 10 जून तक गांव से शहर में सब्जियों और दूध की सप्लाई बंद रखी थी। इस दौरान कई जगहों पर सब्जियां दूध आदी महंगे दामों में बिकने लगे थे। 10 दिन तक चलने वाली इस हड़ताल में सिर्फ किसानों को ही नुक्सान की भरपाई करनी पड़ी थी, जबकि सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया था।
रिपोर्ट लागू होने से होंगे ये फ़ायदे…
स्वामीनाथन आयोग द्वारा किसानों की स्थिति में सुधार करने तथा दिनों-दिन बढ़ती आत्महत्या की घटनाओं में कमी लाने के संबंध में निम्नलिखित सिफारिशें पेश की गई। इन सिफारिशों में भूमि सुधार, सिंचाई, कृषि उत्पादकता, खाद्य सुरक्षा, क्रेडिट और बीमा, जैव संसाधन, किसानों की आत्महत्या के कारण जैसे सभी कंटेट्स पर नजर रखी जाएगी।