दुनिया का सबसे खतरनाक हथियार AK 47 जिसका इस्तेमाल मौजूदा समय में विश्वभर में सबसे ज्यादा किया जाता है। इस खतरनाक हथियार को किसी भी एंगल से चलाया जा सकता है। चलिए जानते हैं इस हथियार के बारे में:–
- AK 47 को साल 1947 में रूस के एक सैनिक मिखाइल कलाशनिकोव ने बनाया था। जिस समय मिखाइल कलाशनिकोव AK-47 को बनाया तब वह युद्ध में घायल होने की वजह से अस्पताल में भर्ती थे और उनकी उम्र सिर्फ 21 साल थी।
- मिखाइल की तकदीर ने उनसे ऐसा हथियार बनवा दिया जिससे दुनिया भर के लोग खौफजदा रहते हैं। जानकर हैरानी होगी कि इस खतरनाक हथियार के आविष्कार के बाद से विश्व में सबसे ज्यादा हत्याएं इसी से हुई है।
- इसका का पूरा नाम ऑटोमैटिक कलाशनिकोव 47 है। इसमें ऑटोमैटिक का मतलब है कि स्वचालित, 'कलाशनिकोव' मिखाइल कलाशनिकोव के नाम पर है AK 47 इसलिए रखा गया क्योंकि 1947 में इसे बनाया गया।
- AK 47 अपनी खूबियों के कारण जल्द ही पूरी दुनिया में मशहूर हो गई और सभी देशों की सेनाएं इसका उपयोग करने लगीं है।
- AK 47 राफल में ऑटोमैटिक और सेमीऑटोमैटिक दोनों तरह के गुण होते हैं। ऑटोमैटिक का मतलब है कि एक बार ट्रिगर दबाकर रखने से गोलियां चलती रहती हैं और सेमी ऑटोमैटिक का मतलब होता है एक बार ट्रिगर दबाने से ही गोली चलती है।
- AK 47 की लंबाई सिर्फ 3 फुट होती है और पूरी तरह से गोलियों से भरी हुई एके-47 राइफल का वजन साढ़े 4 किलो होता है।
- AK 47 से एक मिनट में बिना रुके 600 गोलियां दागी जा सकती है। मतलब कि एक सेकेंड में 10 गोलियां। इसकी वजह AK – 47 की शानदार गैस चैम्बर और स्प्रिंग है।
- AK 47 की रेंज 300 से 400 मीटर तक होती है और एक नौसिखिया भी इससे अचूक निशाना लगा सकता है।
- AK 47 का सबसे ज्यादा गलत इस्तेमाल अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान ने किया है।
- आपको बता दें कि वर्तमान समय में दुनिया भर में करीब 10 करोड़ AK 47 राइफल हैं।