हिमाचल में इंदिया गांधी प्यारी बहना योजना के लाभ का इंतजार करने वाली महिलाओं के लिए खुशखबरी है। लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद प्रदेश में अब चुनाव आचार सहिंता हट गई है.
ऐसें में अब महिलाएं 1500 की राशि का लाभ लेने के लिए तहसील कल्याण अधिकारी के पास आवेदन दे सकती हैं. इसके लिए शुक्रवार से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
हालांकि महिलाओं को इस योजना का लाभ लेने के लिए तहसील वेलफेयर ऑफिस में जाति प्रमाण पत्र, परिवार का कौन-कौन सदस्य सरकारी नौकरी, बोर्ड, निगम, आउसोर्स या अन्य नौकरी पर है.
यह जानकारी भी फॉर्म में बताना जरूरी होगी।
इसके अलावा, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैक खाता नंबर और ifsc कोड की जानकारी भी फार्म में दर्ज करनी होगी. साथ ही योजना का लाभ लेने के लिए आयु प्रमाण पत्र, बोनोफाइड सर्टिफिकेट भी जमा करवाना होगा. बता दें कि पिछले दो माह से महिलाएं इस योजना के लाभ का इंतजार कर रही थी। अब एक बार फिर से महिलाएं शुक्रवार से इस योजना के लिए आवेदन कर सकती है।
दरअसल, हिमाचल सरकार ने महिलाओं को 1500 रुपये देने का ऐलान किया था.
कांग्रेस ने अपनी चुनावी गारंटी के करीब डेढ़ साल बाद यह योजना लागू की थी. लेकिन लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद योजना से जुड़े आवेदन लेने बंद हो गए थे.
हिमाचल प्रदेश निर्वाचन आयोग के सीईओ मनीष गर्ग ने कहा कि वीरवार से आचार सहिंता खत्म हो जाएगी. और इस संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं होगी. यह पहले से ही तय होता है.
वहीं, मंडी जिला तहसील कल्याण अधिकारी समीर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान भी महिलाओं के फार्म जमा हो रहे थे. क्योंकि, कोड ऑफ कंडक्ट लागू था और इसलिए वही फार्म लिए जा रहे थे, जिन पर सीएम और इंदिरा गांधी की तस्वीर नहीं थी.
हालांकि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कहा था कि जिन महिलाओं ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले फार्म जमा करवाए थे, उन्हें चुनाव खत्म होने के ठीक बाद दो माह की किश्त एक साथ दी जाएगी. इस योजना का लाभ उन महिलाओं को नहीं मिलगा जिनके परिवार का कोई भी सदस्य केंद्र और राज्य सरकार में कार्यरत है।
वहीं, पेंशनर, अनुबंध, आउटसोर्स, दैनिक वेतनभोगी, अंशकालिक वर्ग कर्मचारी होने पर महिलाओं को 1500 रुपये सरकार नहीं देगी. भूतपूर्व सैनिक और सैनिक विधवा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका, आशा वर्कर, मिड-डे मील, मल्टी टास्क वर्कर, पेंशनभोगी, पंचायती राज, शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारी भी योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे.
वहीं, टैक्स देने वाले परिवारों की महिलाओं को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
ऐसे में जिन जिन महिलाओं ने इस योजना का लाभ लेना है वह तहसील वेलफेयर ऑफिस में फॉर्म जमा करवा दें।
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