अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के एक द्वीप पर एक अमेरिकी व्यक्ति की हत्या कर दी गई। माना जा रहा है कि इस वारदात को एक जनजाति के लोगों ने अंजाम दिया है, जो बाहरी लोगों के वहां आने या उनसे संपर्क करने का विरोध करते हैं। मृतक की पहचान अमेरिकी नागरिक जॉन एलन चौ के रूप में हुई है। पुलिस ने इस संबंध में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। इस हत्याकांड के बाद पुलिस ने अंडमान द्वीप समूह से 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, मृतक चौ एक मिशनरी थे जो ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए सेंटिनलीज़ से मिलना चाहते थे। वह एक मछुआरे की मदद से पिछले 5 दिन से उत्तरी सेंटीनेल द्वीप में घूम रहे थे। एक अखबार ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि चौ पहले भी 5 बार अंडमान-निकोबार द्वीपों का दौरा कर चुके थे। वे ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए सेंटिनली जनजातियों से मिलने की इच्छा रखते थे।
दरअसल, उत्तरी सेंटिनल द्वीप सेंटिनेलिस का गढ़ है, जो एक स्वदेशी जनजाति है। वो उनके क्षेत्र में किसी की आमद को स्वीकार नहीं करते हैं न ही किसी बाहरी समाज से संबंध रखते हैं। भारतीय कानून सेंटिनली लोगों की रक्षा करता है। उनकी संख्या 50 से कम होने का अनुमान है। वे पैसे का उपयोग नहीं करते हैं। उन पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। उनके साथ कोई संपर्क या उनके निवास क्षेत्रों में प्रवेश अवैध घोषित है।
साथ ही सेंटिनली लोगों के वीडियो भी लेना प्रतिबंधित है। 2017 में सरकार ने स्पष्ट किया था कि सेंटिनेलियों को आदिवासी जनजाति के रूप में पहचाना जाता है। उन्हें दिखाए जाने वाले वीडियो सोशल मीडिया या इंटरनेट पर अपलोड नहीं किए जा सकते हैं।