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बलूचिस्तान ने पाकिस्तान से आजादी का एलान किया

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  • बलूच नेता मीर यार बलूच ने पाकिस्तान से आजादी का एलान किया

  • भारत और वैश्विक समुदाय से समर्थन की अपील, गुलाम कश्मीर खाली कराने के फैसले का समर्थन

  • बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन और हिंसा को लेकर तीखा विरोध, चार ट्रक ड्राइवरों की हत्या


Balochistan Independence: बलूचिस्तान ने पाकिस्तान से स्वतंत्रता की घोषणा कर दी है। बलूच नेता मीर यार बलूच ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है और वह अब एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में पहचान चाहता है। उन्होंने यह घोषणा राज्य में दशकों से जारी हिंसा, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघनों को आधार बनाकर की।

मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “बलूचिस्तान के लोगों ने अपना फैसला दे दिया है, अब दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए।” उन्होंने कहा कि बलूच लोग सड़कों पर हैं, और उन्होंने भारतीय नागरिकों, मीडिया, यूट्यूबर्स और बुद्धिजीवियों से आग्रह किया कि वे बलूच लोगों को “पाकिस्तान के अपने लोग” कहना बंद करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “पाकिस्तान के अपने लोग पंजाबी हैं, बलूच नहीं।”

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वे पाकिस्तान की एकतरफा और मनगढ़ंत कहानी पर भरोसा न करें क्योंकि पाकिस्तान अब तक यह साबित नहीं कर पाया है कि 27 मार्च 1948 को बलूचिस्तान ने कानूनी रूप से पाकिस्तान में शामिल होने का कोई दस्तावेज या अंतरराष्ट्रीय साझेदारी की पुष्टि की हो।

बलूच नेता ने भारत सरकार के 14 मई, 2025 के उस बयान का भी समर्थन किया, जिसमें भारत ने पाकिस्तान से गुलाम जम्मू-कश्मीर को खाली करने की मांग की थी। मीर यार बलूच ने कहा, “बलूचिस्तान भारत के इस निर्णय का पूरा समर्थन करता है।” उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी आग्रह किया कि वे पाकिस्तान को गुलाम जम्मू-कश्मीर खाली करने के लिए दबाव डालें, ताकि एक और ढाका जैसी हार और आत्मसमर्पण से पाकिस्तानी सेना को बचाया जा सके।

उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना गुलाम कश्मीर के नागरिकों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रही है और चेताया कि अगर पाकिस्तान ने ज़िद छोड़ी नहीं तो इसके लिए केवल सेना के जनरल जिम्मेदार माने जाएंगे।

इसी बीच बलूचिस्तान में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार रात नोश्की जिले के गलांगूर इलाके में अज्ञात बंदूकधारियों ने चार ट्रक ड्राइवरों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी। स्थानीय प्रशासन ने बताया कि उनकी लाशें गोलियों से छलनी अवस्था में बरामद हुई हैं। हालांकि इन हत्याओं की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है।

बलूचिस्तान में लंबे समय से गंभीर मानवाधिकार हनन, नरसंहार, और जबरन गुमशुदगियों की घटनाएं सामने आती रही हैं। पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और सशस्त्र संगठनों दोनों पर बलूच जनता के खिलाफ अत्याचार करने के आरोप लगते रहे हैं।