दो महीने से डोकलाम में चल रही भारत-चीन की तनातनी फिलहाल खत्म हो गई है। दोनों देश विवादित जगह से अपनी सेनाओं को हटाने पर राजी हो गए हैं। इसके पहले चीन सिर्फ भारत को अपनी सेना हटाने की बात पर अड़ा था और युद्ध की लगातार धमकी दे रहा था।
सोमवार को विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने इस मसले पर लगातार बातचीत की, जिसके बाद दोनों देश सेनाओं को हटाने का फैसला किया। धीरे-धीरे दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की देख-रेख में सेनाएं हटनी शुरू हो गई हैं।
रक्षा के जानकार इस पहल को भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देख रहे हैं। यह जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स समिट में भाग लेने चीन के शहर श्यामन जा रहे हैं।
गौरतलब है कि यह पूरा विवाद जून के महीने में शुरू हुआ। चीन ने भूटान के इलाके डोकलाम को अपना क्षेत्र बताते हुए इसमें सड़क का निर्माण -कार्य शुरू किया। लेकिन, भूटान ने इसे अपना हिस्सा बताते हुए इसका विरोध किया। भारत भी इस हिस्से को चीन का हिस्सा नहीं मानता। भारत के सैनिकों ने इस पर आपत्ति जताते हुए निर्माण का काम बंद करा दिया। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं का डिप्लॉयमेंट कर दिया गया और दोनों देशों की सेनाएं एक दूसरे के सामने आ डंटी थीं। सेनाओं के आमने-सामने होने से युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई थी।